मुंबई : आर्थिक राजधानी मुंबई में कोरोना के बढ़ते मामलों ने राज्य सरकार के माथे पर बल ला दिया है। रविवार को मुंबई में 131 दिनों के बाद कोरोना संक्रमण के सर्वाधिक 1361 नए मामले सामने आए। शहर के सरंक्षण मंत्री असलम शेख ने रविवार को कहा कि आठ-दस दिनों में यदि इन बढ़ते मामलों पर रोक नहीं लग पाई तो मुंबई में 'आंशिक लॉकडाउन' लगाया जा सकता है। बता दें कि राज्य में रविवार को कोरोना संक्रमण के 11 हजार से अधिक मामले मिले। यह आंकड़ा पिछले 142 दिनों में सर्वाधिक है।
स्वास्थ्य विभाग ने कैबिनेट को दी जानकारी
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में कोविड-19 की स्थिति पर स्वास्थ्य विभाग ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता वाली कैबिनेट के समक्ष एक प्रस्तुतिकरण दी है। विभाग ने अलग-अलग जिलों में बढ़ते कोरोना के मामलों पर चिंता जताई। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि इस बैठक में आंशिक लॉकडाउन लगाने के बारे में चर्चा की गई। महाराष्ट्र में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या 97,983 हो गई है। मुंबई में एक्टिव मरीजों की संख्या 9319 है।
अप्रैल तक 2 लाख पहुंच सकते हैं एक्टिव मामले
आशंका इस बात की भी जताई जा रही है कि कोरोना के नए मामले यदि इसी गति से बढ़ते रहे तो अप्रैल आते-आते राज्य में एक्टिव केस की संख्या 2 लाख तक पहुंच सकती है। राज्य में कोविड-19 के नए केस सामने क्यों आ रहे हैं, इसकी पड़ताल करने के लिए केंद्र से एक और टीम महाराष्ट्र का दौरा करने वाली है। रिपोर्ट में एक सूत्र के हवाले से कहा गया है, 'जिलों में लगने वाले स्थानीय लॉकडाउन का प्रभाव सीमित है। ये ज्यादा प्रभावी साबित नहीं हो पा रहे हैं क्योंकि लोग एक जिले से दूसरे जिले में सार्वजनिक परिवहन का उपयोग कर आवागमन कर रहे हैं।'
संस्थागत क्वरंटाइन लागू कर सकती है सरकार
शेख ने कहा, 'मास्क न पहनने वाले लोगों को जुर्माना लगाकर सरकार कोरोना के नए मामलों को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है। शादी समारोह एवं कार्यक्रमों में शरीक होने लोगों की संख्या नियंत्रित की गई है। हमें महामारी पर नियंत्रण पाने के लिए और कदम उठाने होंगे। इनमें संस्थागत क्वरंटाइन अहम कदम है। इसके अलावा बड़े स्तर पर टेस्टिंग और टीकाकरण के जरिए इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है। फिर भी यदि केस बढ़ते हैं तो आंशिक लॉकडाउन की तरफ बढ़ा जा सकता है।'
घर में क्वरंटाइन से संक्रमण फैलने की आशंका
उन्होंने कहा, 'शहर में छोटे घर हैं, ऐसे में कोरोना मरीज को वहां पर रखने से उद्देश्य की पूर्ति नहीं हो पाएगी। इससे परिवार के दूसरे लोग भी संक्रमित हो सकते हैं। इसलिए कोरोना मरीजों को दोबारा संस्थागत क्वरंटाइन में रखने की जरूरत है। एक्टिव केस रखने वाला महाराष्ट्र देश का सबसे बड़ा राज्य बन गया है।' बताया जाता है कि कैबिनेट की बैठक में ब्राजील, यूरोप और ब्रिटेन जैसे देशों के उपायों पर चर्चा भी की गई।
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