Mono Rail Mumbai: मुंबई में चलने वाली देश की पहली मोनो रेल को रफ्तार दिए जाने के साथ इसे यात्रियों के लिए ज्यादा से ज्यादा सुरक्षित बनाने का प्रयास भी एमएमआरडीए द्वारा किया जा रहा है। इस संबंध में एमएमआरडीए अधिकारियों के बीच बैठकों का दौर जारी है। एमएमआरडीए ने अब फैसला लिया है कि, मोनो रेल मार्ग पर इमरजेंसी एग्जिट को लेकर भी विशेष उपाय किए जाएंगे। इसके लिए एमएमआरडीए अब कंसल्टेंट की मदद लेने जा रहा है।
एमएमआरडीए की योजना के बारे में जानकारी देते हुए अधिकारियों ने कहा कि, यह मोनो रेल मार्ग भीड़भाड़ वाले और रिहायशी इलाकों से गुजरती है। इस लाइन पर संत गाडगे महाराज चौक से चेंबूर के बीच 19.5 किलोमीटर की दूरी में माहुल, वडाला ब्रिज रोड, करी रोड रेलवे स्टेशन भी आते हैं। अभी इसमें किसी भी संभावित दुर्घटना के समय यात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए आपातकालीन यात्री निकासी प्रणाली नहीं है। अब इसे विकसित करने का प्लान बनाया जा रहा है, जिससे आपात स्थिति में भी यात्री सुरक्षित रहें।
एमएमआरडीए के अनुसार, अभी हमारा मुख्य फोकस यात्रियों की सुरक्षा है। जल्द ही हम एक ऐसा सलाहकार नियुक्त करने जा रहे हैं, जो हमें दुर्घटना के 30 मिनट के भीतर सभी यात्रियों को सुरक्षित निकालने के उपाय बताएगा। एमएमआरडीए अधिकारियों के अनुसार, कुछ उपायों पर चर्चा भी की गई है। इसमें सबसे प्रमुख किसी भी आपात स्थिति में सुरक्षित निकासी के लिए ट्रैक के किनारे एक पैदल मार्ग का निर्माण करना है। बता दें कि, मोनोरेल सिंगल मिडिल यूनिट गाइड वे बीम पर चलती है, ऐसे में आग लगने या बिजली आपूर्ति में किसी तरह की खराबी की स्थिति में यात्रियों के स्टेशन पर रुके बिना बाहर निकलने की कोई जगह नहीं है। इसके अलावा, ब्रेकडाउन के कारण स्टेशनों के बीच फंसे मोनोरेल रोलिंग स्टॉक को भी हटाया नहीं जा सकता है। अब दुर्घटना की स्थिति में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक आपातकालीन निकास प्रणाली स्थापित करने की योजना है।
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