बीड (महाराष्ट्र) : पंकजा मुंडे ने अपने दिवंगत पिता और बीजेपी से सीनियर नेता रहे गोपीनाथ मुंडे की याद में गुरुवार को महाराष्ट्र के बीड में सभा में बुलाई। इस रैली को संबोधित करते हुए बीजेपी से नाराज नेता पंकजा मुंडे ने कहा कि मैं औरंगाबाद में एक दिन का भूख हड़ताल करूंगी। यह किसी पार्टी या किसी व्यक्तियों के खिलाफ नहीं है। मराठवाड़ा के मुद्दों पर पार्टी नेताओं का ध्यान आकर्षित करने के लिए सांकेतिक भूख हड़ताल होगी। मैं पार्टी नहीं छोड़ूंगी। मैं 27 जनवरी, 2020 को औरंगाबाद में एक दिन की भूख हड़ताल करूंगी। पंकजा मुंडे ने आगे कहा कि समूचे महाराष्ट्र का दौरा कर गोपीनाथ मुंड के नाम पर बने संगठन के लिए काम करूंगी।
गोपीनाथ गड में रैली को संबोधित करते हुए पंकजा मुंडे ने कहा कि वह अब पार्टी की प्रदेश कोर कमिटी की सदस्य नहीं हैं लेकिन वह संगठन नहीं छोड़ेंगी। बीजेपी उनके पार्टी में रहने को लेकर फैसला करने के लिए स्वतंत्र है। अपने भाषण में पंकजा ने हालिया विधानसभा चुनाव में पर्ली सीट से अपने रिश्ते के भाई और एनसीपी नेता धनंजय मुंडे से मिली हार का जिक्र करते हुए देवेंद्र फडणवीस का नाम न लेते हुए कहा कि कुछ बीजेपी नेता इस सीट से उनकी जीत नहीं चाहते थे।
पंकजा ने कहा कि वह जनवरी में पूरे महाराष्ट्र में मशाल रैली निकालेंगी। उन्होंने कहा कि मैं अगले साल जनवरी से पूरे महाराष्ट्र में मशाल रैली की शुरुआत करने जा रही हूं। मैं अपने काम की शुरुआत 26 जनवरी को मुंबई स्थित गोपीनाथ मुंडे प्रतिष्ठान से करूंगी।
गौर हो कि पंकजा पिछले पांच साल से अपने पिता की जयंती पर रैली आयोजित करती रहीं हैं लेकिन इस साल राजनीतिक परिस्थितियों की वजह से लोगों में इसको लेकर कौतुहल था। कयास लगाए जा रहे थे कि वह 21 अक्टूबर को चुनाव में मिली आश्चर्यजनक हार के बाद बीजेपी छोड़ सकती हैं।
इन कयासों को तब बल मिला जब उन्होंने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि राजनीतिक पृष्टभूमि में बदलाव के बाद भविष्य की राह और लोगों की सेवा को लेकर विचार करने की जरूरत है। पंकजा मंगलवार को राज्य बीजेपी कोर कमिटी की बैठक में भी शामिल नहीं हुई और गुरुवार को उन्होंने घोषणा की कि वह अब कोर कमिटी की सदस्य नहीं हैं।
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