मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को शपथ लेने के बाद पहली कैबिनेट बैठक की जिसमें 6 मंत्रियों के अलावा एनसीपी नेता अजीत पवार और शिसवेना विधायक आदित्य ठाकरे भी मौजूद रहे। इस बैठक के बाद उद्धव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की और कैबिनेट द्वारा लिए गए निर्णयों के बारे में मीडिया को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य के किसानों के लिए ठोस कदम उठायेगी और ऐसा माहौल बनाने का प्रयास करेगी कि कोई भी भयभीत महसूस नहीं करे।
इस दौरान मीडिया ने जब उद्धव से पूछा कि आपके कॉमन मिनिमन प्रोगाम में सेक्युलर शब्द का इस्तेमाल किया गया है तो क्या अब शिवसेना सेक्युलर हो गई? इसका जवाब देते हुए शिवसेना सुप्रीमो और मुख्यमंत्री उद्धव नाराज हो गए और बोले-'सेक्युलर का मतलब क्या होता? संविधान में जो कुछ है वही है।' इस दौरान एनसीपी नेता और कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल उद्धव ने बीच में बोलने की कोशिश की तो पत्रकारों ने उन्हें कहा कि उद्धव को ही जवाब देना चाहिए। इस दौरान उद्धव ठाकरे गोलमोल जवाब देते हुए दिखे।
दरअसल शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस का जो मिनिमम कॉमन प्रोगाम (सीएमपी) जारी हुआ है उसमें कई बातों का जिक्र किया गया है। तीनों दलों का सीएमपी एक पन्ने का है जिसमें सेक्युलर शब्द पर जो र दिया गया है और कहा गया है कि कि यह गठबंधन संविधान में वर्णित धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को लेकर प्रतिबद्ध है। तीनों दलों के इस गठबंधन को महा विकास अघाडी का नाम दिया गया है।
आपको बता दें कि कैबिनेट की बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि कैबिनेट के पहले फैसले में छत्रपति शिवाजी महाराज की राजधानी रायगढ़ किले के पुनरूद्धार के लिए 20 करोड़ रुपये की धनराशि को मंजूरी दी गई। उद्धव ने कहा, ‘यदि हम वास्तविकता जानेंगे तो हम अच्छा काम कर सकते हैं। हमने जानकारी मांगी है। किसानों को सिवाए आश्वासन के कुछ नहीं मिला। हम किसानों की ठोस मदद करना चाहते हैं। हम राज्य में ऐसा माहौल सुनिश्चित करना चाहते हैं जहां कोई भी आतंकित महसूस नहीं करेगा।'
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