Mumbai News: राज्य में एसटी (State Transport) कर्मचारी पिछले छह महीने से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। एसटी कर्मचारियों ने मांगों को लेकर यह आंदोलन शुरू किया है। इस मामले की सुनवाई बुधवार को मुंबई हाईकोर्ट में हुई। सुनवाई के दौरान मुंबई हाईकोर्ट ने एसटी कर्मचारियों को अल्टीमेटम जारी किया। हड़ताल में शामिल एसटी कार्यकर्ताओं को 15 अप्रैल तक काम पर लौटने का आदेश दिया गया है।
कोर्ट ने साफ कर दिया है कि, 15 अप्रैल तक काम पर नहीं लौटने वाले कर्मचारियों के खिलाफ निगम कार्रवाई कर सकता है। गौरतलब है कि, हड़ताली कर्मचारियों ने मांग की है कि, एसटी का राज्य सरकार में विलय किया जाए। एसटी विलय के मुद्दे पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने एसटी कर्मचारियों को काम पर लौटने के लिए 15 अप्रैल तक का समय दिया है और। साथ ही मुंबई उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से अपील की है कि अगर कर्मचारी काम पर लौट रहे हैं तो उन्हें काम पर लौटने की अनुमति दी जाए।
राज्य सरकार ने भी दी मंजूरी
वहीं राज्य सरकार को उच्च न्यायालय में एक बार फिर सुनवाई के दौरान अपना पक्ष रखने का समय दिया गया है और अनुसूचित जनजाति निगम कल उच्च न्यायालय में अपना मामला पेश कर सकता है। महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार ने राज्य सरकार के साथ एसटी निगम के विलय की मांग को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट द्वारा नियुक्त तीन सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट भी राज्य सरकार के पक्ष में है। समिति की रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि एसटी का राज्य सरकार में विलय असंभव है। राज्य सरकार ने भी इसे मंजूरी दे दी है। इस बीच हाईकोर्ट एसटी मर्जर पर सुनवाई कर रहा है। इस बात ने सबका ध्यान खींचा है। बुधवार की सुनवाई में स्पष्ट किया गया है कि, यदि कर्मचारी उच्च न्यायालय में 15 अप्रैल तक काम पर नहीं लौटते हैं तो राज्य सरकार कानून के अनुसार कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान स्पष्ट निर्देश देते हुए राज्य सरकार से अपील की है।
पुनर्निर्धारित हुआ मुद्दा
हड़ताल पर गए कर्मचारियों को काम पर लौटने पर काम पर रखा जाना चाहिए। साथ ही जिन कर्मचारियों पर गलत या अन्य कार्रवाई की गई है, उन्हें वापस लिया जाए और कर्मचारियों के खिलाफ आगे कोई कार्रवाई न की जाए। अभियोजक अस्पी चिनॉय ने यह भी कहा कि अदालत इस मामले पर निगम के अधिकारियों से चर्चा करेगी। एसटी विलय का मुद्दा गुरुवार को सुबह 10 बजे के लिए पुनर्निर्धारित किया गया है। हाईकोर्ट के फैसले से एसटी कर्मचारियों में आक्रोश है। कर्मचारियों का मानना था कि हाईकोर्ट का फैसला एसटी कर्मचारियों के पक्ष में होगा। हालांकि हाईकोर्ट ने कर्मचारियों को काम पर लौटने के लिए 15 अप्रैल तक 9 दिन का समय दिया है। इससे कर्मचारियों में आक्रोश का माहौल है।
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