वॉशिंगटन: विश्व बैंक ने मुंबई के धारावी में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों की बुधवार को सराहना करते हुए कहा कि यह सफलता समस्या के अनुरूप समाधान निकालने, सामुदायिक स्तर पर सहभागिता और दृढ़ता के कारण मिली है। भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में स्थित धारावी, विश्व के सबसे बड़े झुग्गी झोपड़ी इलाकों में से एक है।
यह ढाई वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है और यहां करीब साढ़े छह लाख लोग रहते हैं। मुंबई में कोरोना वायरस संक्रमण का पहला मामला 11 मार्च को सामने आया था और इसके तीन सप्ताह बाद एक अप्रैल को धारावी में संक्रमण के पहले मामले का पता चला था।
विश्व बैंक ने अपनी द्विवार्षिक ‘गरीबी एवं साझा समृद्धि रिपोर्ट’ में कहा है कि मई में संक्रमण के मामले सर्वाधिक थे जिनकी संख्या तीन महीने बाद जुलाई में बीस प्रतिशत तक घट गई। विश्व बैंक ने कहा कि मुंबई में नगर के अधिकारियों ने धारावी में बुखार और ऑक्सीजन के स्तर में कमी वाले मरीजों की बड़े स्तर पर जांच करने की रणनीति के तहत सामुदायिक स्तर पर लोगों को शमिल किया और निजी चिकित्सालयों के कर्मचारियों को तैनात किया जिससे वायरस को तेजी से फैलने से रोका जा सका।
लॉकडाउन के दौरान गरीब परिवारों की मदद के लिए गैर सरकारी संगठन, संस्थाएं तथा स्वयंसेवकों ने हजारों घरों में राशन पहुंचाया। विश्व बैंक ने कहा कि समस्या के अनुरूप समाधान निकालने, सामुदायिक स्तर पर लोगों को शामिल करने और दृढ़ता के कारण धारावी में, कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने में सफलता मिली।
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