क्रूज ड्रग्स केस में इस समय महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक केंद्रीय एजेंसियों की घेराबंदी कर रहे हैं और उनका कहना है कि सिर्फ परेशान करने की नीयत से कार्रवाई की जा रही है। इन सबके बीच गुरुवार को जब ईडी ने वक्फ से जुड़ी संपत्तियों पर छापेमारी की तो मलिक ने सफाई दी और कहा कि वक्फ की संपत्तियों पर छापेमारी नहीं की गई है। जहा तक ईडी का सवाल है तो वो उनका स्वागत करते हैं। अगर प्रवर्तन निदेशालय के लोग उनके घर आते हैं तो खुशी होगी। लेकिन मीडिया में गलत खबर दिखाई और चलाई गई।
'वक्फ बोर्ड की सफाई में ईडी मदद करे'
नवाब मलिक ने कहा कि वक्फ बोर्ड की कार्यप्रणाली को और पारदर्शी बनाया जा रहा है। वक्फ की 30 हजार संस्थाओं की जांच ईडी करे। सफाई अभियान में ईडी सहयोग करे स्वागत है लेकिन लखनऊ के शिया वक्फ बोर्ड से जुड़े मामले जो वसीम रजा से संबंधित है उस पर भी ध्यान दें। उन्होंने कहा कि सिर्फ राजनीतिक विद्वेष के तहत कार्रवाई हो उसका कोई मतलब नहीं है। वो एक संस्था में उन लोगों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं जिनकी विश्वसनीयता शक के दायरे में है।
मलिक की लड़ाई हुई सियासी
बता दें क्रूज ड्रग्स केस में नवाब मलिक एनसीबी पर निशाना साधते रहे हैं और इसके साथ ही मामला तब राजनीतिक हो गया जब उन्होंने महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस की पत्नी पर आरोप लगाया कि उनके संबंध ड्रग्स पेडलर से हैं। मलिक के इन आरोपों के खिलाफ फडणवीस खुद मैदान में उतरे और कहा कि नवाब मलिक के तो अंडरवर्ल्ड से रिश्ते हैं। इस तरह की तनातनी के बीच देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस ने मलिक को नोटिस भेजा है।
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