Mumbai Crime News: बीते कुछ सालों में इंस्टेंट लोन देने वाले कई एप्लिकेशन सक्रिय हो गए हैं। यह लोग बिना किसी दस्तावेज के लोन देने की अक्सर नई-नई स्कीम लेकर आते हैं। इस तरह के लोन देने वालों के खिलाफ अक्सर बैंक अपने ग्राहकों को सचेत करता रहता है। क्योंकि बहुत बार यह लोग लोन देने के नाम पर ग्राहकों के बैंक खाते से हजारों और लाखों रुपये की चोरी कर लेते हैं। ऐसे ही एक गिरोह का मुंबई पुलिस ने पर्दाफाश किया है। मुंबई साइबर पुलिस ने तुरंत लोन की पेशकश कर मोबाइल फोन एप्लिकेशन के जरिए लोगों के साथ ठगी करने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया है।
इस रैकेट पर छापेमारी कर पुलिस ने 14 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 350 फर्जी बैंक अकाउंट भी मिले, जिन्हें तुरंत सीज कर दिया गया है। इस बैंक अकाउंट से साइबर पुलिस ने 14 करोड़ रुपये और 2.17 लाख डॉलर की क्रिप्टो करेंसी जब्त की है।
इस मामले की जानकारी देते हुए संयुक्त आयुक्त (अपराध) सुहास वारके ने कहा कि साइबर पुलिस ने 350 बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है, जिसमें 14 करोड़ रुपये और 2.17 लाख डॉलर की क्रिप्टो करेंसी शामिल है। सुहास वारके ने बताया है कि इस धोखाधड़ी का पता तब चला जब इस साल मई में आरोपियों के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई गई और जब जांच हुई तो ठगी देखकर सभी के होश उड़ गए।
संयुक्त आयुक्त के मुताबिक आरोपी मोबाइल फोन एप्लिकेशन पर तुरंत लोन देने का ऑफर करते थे। इस दौरान आवेदन करते समय आवेदकों का सारा निजी डेटा आरोपी व्यक्तियों की कंपनी में चला जाता था। जिसका इस्तेमाल वह उन लोगों को परेशान करने के लिए करते थे जो लोन चुकाने में असफल होते हैं। इतना ही नहीं सुहास वारके ने यह भी बताया है कि आरोपियों ने कथित तौर पर पीड़ितों की तस्वीरों से छेड़छाड़ की जो लोन चुकाने में विफल रहे या जिन्होंने ब्याज के भुगतान में चूक की। उनकी तस्वीरों को दोस्तों और परिवार के सदस्यों को भेज देते थे। पुलिस ने बताया है कि आरोपी बैंगलोर, आंध्र प्रदेश, गुरुग्राम, मुंबई और उत्तराखंड से संबंध रखते हैं।
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