मुंबई : महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने सनसनीखेज खुलासा किया है। देशमुख ने ईडी को बताया है कि उनका मानना है कि एंटीलिया बम केस का मास्टरमाइंड कोई और नहीं बल्कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह हैं। उन्हीं के इशारे पर उद्यमी मुकेश अंबानी के घर के पास स्कॉर्पियो में विस्फोटक रखे गए थे और इस वाहन के मालिक मनसुख हिरन की हत्या हुई।
परमबीर सिंह ने सरकार को गुमराह किया-देशमुख
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक देशमुख ने बताया है कि गत मार्च में विधानसभा सत्र के दौरान परमबीर सिंह को एंटीलिया बम केस में जानकारी देने के लिए बुलाया गया था और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में सिंह ने अपने जवाब से गुमराह किया। यही नहीं, वरिष्ठ अधिकारियों एवं मुख्यमंत्री की उपस्थिति में सिंह ने जो जवाब दिया वह भी गुमराह करने वाला था। देखमुख ने कहा, 'परमबीर सिंह को मुंबई पुलिस के कमिश्नर पद से इसलिए हटा दिया गया क्योंकि उनके काफी करीबी पुलिसकर्मियों एपीआई सचिन वाजे एवं चार अन्य के नाम एंटीलिया बम केस एवं हिरन मर्डर केस में उभरकर सामने आए।'
'सिंह ने सच्चाई छिपाई'
पूर्व गृह मंत्री ने कहा, 'मैंने पाया कि सिंह इस पूरे मामले के मास्टरमाइंड हैं क्योंकि वह सच्चाई छिपा रहे थे।' एनआईए कह चुकी है कि पुलिस महकमे में अपना रुतबा फिर से कायम करने एवं सुपरकॉप बनने की चाहत में वाजे ने एंटीलिया बम केस की साजिश रची। देशमुख का कहना है कि संयुक्त पुलिस कमिश्नर की आपत्ति के बावजूद सिंह के जोर पर वाजे की नियुक्ति सीआईयू यूनिट में हुई। उन्होंने बताया कि दिलीप छाबड़िया केस को छोड़कर वाजे से उनका आमना-सामना कभी नहीं हुआ।
पिछले साल फरवरी में स्कॉर्पियो में जिलेटिन की छड़ें मिलीं
गौरतलब है कि उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के नजदीक 25 फरवरी को एक स्कॉर्पियो कार में जिलेटिन की छड़ें मिली थीं। ठाणे के कारोबारी मनसुख हिरन ने तब दावा किया था कि यह कार एक सप्ताह पहले चोरी की गयी थी । बाद में हिरन पांच मार्च को ठाणे में मृत मिले थे। इसके बाद तत्कालीन सहायक निरीक्षक वाजे को मार्च 2021 में गिरफ्तार कर लिया गया था।
Mumbai News in Hindi (मुंबई समाचार), Times now के हिंदी न्यूज़ वेबसाइट -Times Now Navbharat पर। साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार) के अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें।