मुंबई : एंटीलिया बम केस में रोजाना नई-नई बातें सामने आ रही हैं। मामले की जांच में जुटी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सहायक पुलिस इंस्पेक्टर (एपीआई) सचिन वाजे को गिरफ्तार किया है। वाजे की गिरफ्तारी के बाद से उन्हें एक बार फिर निलंबित कर दिया गया है। इस बीच, टाइम्स नाउ को सूत्रों से से जो जानकारी मिली है, वह चौंकाने वाली है। दरअसल, इस हाई प्रोफाइल केस में वाजे मुख्य जांचकर्ता थे। सूत्रों को कहना है कि जांच अधिकारी के रूप में वाजे ने घटना से जुड़े जो इलेक्ट्रानिक एवं सीटीटीवी फुटेज साक्ष्य किए उन्हें रिकॉर्ड पर नहीं रखा। ऐसा लगता है कि वाजे ने मामले में सबूत नष्ट करने के प्रयास किए। एनआईए अब इन साक्ष्यों के बारे में वाजे से पूछताछ करेगी और उन्हें हासिल करने की कोशिश करेगी।
महाराष्ट्र सरकार पर दबाव बढ़ा
वहीं, इस पूरे मामले में मुंबई पुलिस कमिश्नर और महाराष्ट्र सरकार पर दबाव बढ़ता दिख रहा है। शिवसेना लगाकार कर रही है कि इस मामले में सरकार की कोई भूमिका नहीं है। जबकि विपक्ष उद्धव सरकार को घेरने में जुटा है। विपक्ष के बढ़ते दबाव को देखते हुए महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मंगलवार को कहा कि इस केस में किसी मंत्री को कोई भूमिका नहीं है। दरअसल, इस मामले में मुंबई पुलिस कमिश्नर की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।
पुलिस कमिश्नर को रिपोर्ट करते थे वाजे
एंटीलिया बम केस में वाजे को मुख्य जांच अधिकारी बनाया गया था और वह इस मामले की रिपोर्टिंग सीधे मुंबई पुलिस कमिश्रर को कर रहे थे। आमतौर पर ऐसा नहीं होता कि इतने बड़े हाई-प्रोफाइल केस की जांच एक एपीआई करे। एपीआई और पुलिस कमिश्नर के बीच चार-पांच बड़े पद होते हैं। वाजे अपने से ऊपर अधिकारियों की बजाय सीधे मुंबई के पुलिस कमिश्नर को रिपोर्ट करते थे। इस वजह से भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
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