मुंबई : टीआरपी घोटाला केस (TRP Scam) में नई बातें सामने आई हैं। मुंबई पुलिस का दावा है कि रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी ने ब्रॉडकास्ट रिसर्च ऑडियंस काउंसिल (BARC) के पूर्व सीईओ पार्थ दासगुप्ता को लाख रुपए का भुगतान किया। पुलिस का दावा है कि पार्थ को यह रकम टीआरपी में छेड़छाड़ के लिए दी गई। मुंबई पुलिस की रिमांड नोट में दावा किया गया है कि बार्क के पूर्व सीईओ ने टीआरपी रेटिंग में छेड़छाड़ करते हुए रिपब्लिक टीवी को फायदा पहुंचाया और इसका 'शिकार' टाइम्स नाउ चैनल हुआ।
दासगुप्ता को मिले लाखों रुपए-पुलिस
टाइम्स नाउ के हाथ लगे रिमांड नोट के मुताबिक पार्थ ने बार्क के सीईओ पद पर रहते हुए अपने प्रभाव का गलत इस्तेमाल किया। और रिपब्लिक टीवी को फायदा पहुंचाने के लिए टीआरपी में छेड़छाड़ किया। इसके बदले में उन्हें उन्हें लाखों रुपए मिले। बताया जाता है कि रिपब्लिक टीवी से मिले रकम से दासगुप्ता ने कीमती आभूषण और घड़ियां खरीदीं।
मामले में गिरफ्तार होने वाले 15वें व्यक्ति हैं दासगुप्ता
टीआरपी घोटाला मामले में दासगुप्ता की भूमिका के लिए मुंबई पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया है। पुलिस ने दासगुप्ता को टीआरपी स्कैंडल का 'मास्टरमाइंड' करार दिया है। पुलिस के मुताबिक टीआरपी के साथ यह छेड़छाड़ 2016 से 2019 के बीच हुई जब दासगुप्ता बार्क के सीईओ थे। दासगुप्ता जून 2013 से लेकर नवंब 2019 तक बार्क के सीईओ पद पर कार्यरत थे। टीआरपी स्कैंडल केस में गिरफ्तार होने वाले दासगुप्ता 15वें व्यक्ति हैं। इस मामले में ज्यादातर आरोपियों को कोर्ट से जमानत मिल चुकी है।
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