पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों अपने 'गुस्से' को लेकर सुर्खियों में हैं। विधानपरिषद में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के एक सदस्य पर उनकी नाराजगी मीडिया में एक बड़ा मुद्दा बना। इस बीच मुख्यमंत्री ने मीडियाकर्मियों से उनका भी थोड़ा ख्याल रखने की अपील की है। नीतीश ने कहा है कि वह जोर से यदि बोलते हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह नाराज हैं। सदन में राजद के विधायक को फटकार लगाने के बाद तेजस्वीर की पार्टी का एक विधायक सदन में ब्लड प्रेशर मापने वाली मशीन लेकर पहुंचा था। राजद के विधायक ने कहा कि लगता है कि मुख्यमंत्री जी का ब्लड प्रेशर आजकल बढ़ गया है।
'हम कभी-कभी कोई बात कह देते हैं'
रविवार को मीडियाकर्मियों से बातचीत में नीतीश ने कहा, 'हम कभी-कभी कोई बात कह देते हैं। हम किसी पर गुस्सा नहीं करते हैं। हम जोर से बोलते हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि हम गुस्सा हैं बल्कि हम समझाने के लिए बोलते हैं। कोई सवाल पूछ रहा है तो उसका जवाब सुनना चाहिए। हमने उन्हें बैठाकर समझा दिया। हम किसी के खिलाफ नहीं बोलते। मैं आप लोगों से अपील करता हूं कि हम पर भी थोड़ा ख्याल रखिए। हमारा कोई व्यक्तिगत स्वार्थ नहीं है।' मुख्यमंत्री ने मीडियाकर्मियों से उन्हें सलाह देने की अपील की।
विधान परिषद में राजद नेता पर भड़के नीतीश
गत सोमवार को विधान परिषद में राजद नेता सुबोध कुमार को नीतीश ने फटकार लगाई। उन्होंने कहा था, 'मैं बोल रहा हूं तो क्या बीच में आप बोलेंगे? क्या आप सुनेंगे नहीं? क्या आपका यह तरीका सही है?' यही नहीं, कुछ समय पहले इंडिगो एयरलाइंस के एक अधिकारी की हत्या के बारे में सवाल किए जाने पर भी नीतीश की नाराजगी सामने आई। यही नहीं, गत नवंबर में राज्य के आपराधिक मामलों को लेकर राजद नेता तेजस्वी ने जब सवाल किया तब भी मुख्यमंत्री ने अपना आपा खो दिया था।
चुनाव प्रचार के दौरान भी हुए थे नाराज
नीतीश ने उस समय कहा था, 'वह बेतुकी बातें कर रहे हैं, वह झूठ बोल रहे हैं...मैं इसलिए उन्हें सुन रहा था कि वह मेरे एक ऐसे मित्र के बेटे हैं जो कभी मेरे भाई की तरह थे।' गत अक्टूबर में चुनाव प्रचार के दौरान अपनी रैली में 'लालू जिंदाबाद' के नारे पर मुख्यमंत्री की नाराजगी सामने आई थी।
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