पटना। एग्जिट पोल के नतीजों से साफ है कि पाटलिपुत्र ने नीतीश कुमार को नकार दिया है। बता दें कि यह औपचारिक नतीजा नहीं है बल्कि उसके लिए 10 नवंबर का इंतजार करना होगा। लेकिन अगर एक पल के लिए एग्जिट पोल को सही मान लिया जाए को 69 वर्ष के नीतीश कुमार पर युवा तेजस्वी भारी पड़ते नजर आ रहे हैं। अब सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि सुशासन का तेज मद्धिम पड़ गया। आखिर बिहार की जनता नीतीश कुमार को क्यों नकार रही है।
नौकरी का वादा दिखा रहा है दम
इस सवाल के जवाब में कई ऐसे मुद्दे छिपे हुए हैं जो नीतीश कुमार के लिए कमजोरी साबित हुए हैं तो तेजस्वी यादव भारी पड़े हैं। जानकार कहते हैं कि इस दफा मुस्लिम यादव समीकरण ने खुलकर महागठबंधन के पक्ष में मतदान किया है और उसका असर एग्जिट पोल के नतीजे में दिखाई दे रहा है। इससे भी बड़ी बात यह है कि तेजस्वी ने जिस तरह से कहा कि वो सरकार में आने पर 10 लाख नौकरियां देंगे इसका असर युवाओं पर पड़ा है जो नौकरी के इंतजार में थे।
करप्शन कम होने का दावा खोखला निकला
बिहार के सभी इलाकों में इस दफा लोगों ने बदलाव का मन बना लिया था और सबसे अधिक नाराजगी नीतीश कुमार से थी। लोगों का कहना था कि नीतीश जो दावे करते हैं वो हकीकत से दूर है,सबसे बड़ी बात यह है कि सरकार कहती है भ्रष्टाचार का समूल नाश कर दिया गया है। लेकिन प्रशासन के निचले तंत्र पर जिस तरह से बिना पैसे दिए काम नहीं होता था वो खुद ब खुद नीतीश के दावों की पोल खोलता था और इस मुद्दे को तेजस्वी यादव ने बखूबी उठाया।
पढ़िए Patna के सभी अपडेट Times Now के हिंदी न्यूज़ वेबसाइट -Times Now Navbharat पर। साथ ही और भी Hindi News के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें।