पटना: नागरिकता संशोधन कानून को लेकर लेकर जेडीयू में मतभेद की खबरों की बीच पार्टी अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रतिक्रिया दी है। पार्टी महासचिव पवन वर्मा द्वारा लिख गए पत्र के जवाब में नीतीश कुमार ने कहा है कि पवन किसी भी पार्टी में जाने के लिए स्वतंत्र हैं लेकिन सार्वजनिक रूप से इस तरह की बयानबाजी ठीक नहीं है।
मीडिया से बात करते हुए नीतीश कुमार ने कहा, 'मैं उनकी (पवन वर्मा) की इज्जत करता हूं। भले ही वो हम लोगों की नहीं करते हों। यह उनका अपना निर्णय है जहां जाना हो वहां जाएं। मुझे इस पर कोई एतराज नहीं है। जदयू को समझने की कोशिश कीजिए कुछ लोगों के बयान से जदयू को मत देखिए। जदयू बड़ी दृढ़ता के साथ अपना काम करती है और कुछ चीजों पर हमारा स्टैंड बहुत ही साफ होता है। एक भी चीज के बारे में हम किसी असमंजस में नहीं रहते।'
पवन वर्मा को निशाने पर लेते हुए नीतीश कुमार ने कहा, 'किसी के मन में अगर कोई बात है तो उसे आकर विमर्श करना चाहिए, बातचीत करनी चाहिए। उसके लिए अगर वह जरूरी समझे तो पार्टी की बैठक में चर्चा करनी चाहिए। लेकिन इस तरह का वक्तव्य देना वाकई में आश्चर्य पैदा करता है कि हमसे क्या बात करते थे। अब हम कहेंगे कि हमसे क्या बात करते थे? ये सब कोई तरीका है। इन सब बातों को छोड़ दीजिए, मेरा सम्मान है, जहां उनको सही लगे वहां जाएं मेरी शुभकामनाएं हैं।'
आपको बता दें कि पवन वर्मा ने खत लिखकर जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार से जवाब मांगा था। उन्होंने दिल्ली में बीजेपी के साथ गठबंधन पर सवाल खड़े किए थे। पत्र में पवन कुमार वर्मा ने लिखा कि विभाजनकारी सीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ बड़े पैमाने पर राष्ट्रव्यापी आक्रोश के बावजूद जेडीयू ने दिल्ली चुनाव के लिए बीजेपी के साथ कैसे गठबंधन किया।
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