प्रयागराज: जौनपुर से सांसद रहे धनंजय सिंह को अपहरण तथा जान से मारने की धमकी देने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह के साथ साथ संतोष विक्रम सिंह के खिलाफ मुकदमा जौनपुर में केस दर्ज कराया था। इससे पहले जौनपुर के एडीजे प्रथम कोर्ट से 23 जुलाई को जमानत मिल गई थी। लेकिन बेल के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील की गई थी।
10 मई 2020 को हुई थी एफआईआर
बता दें कि 10 मई 2020 को जौनपुर के लाइन बाजार थाने में अभिनव सिंघल ने तरहरीर दी थी कि धनजंय सिंह और संतोष विक्रम सिंह ने प्रोजेक्ट की साइट पर अपने समर्थकों को गिट्टी और बालू आपूर्ति का काम देने का दवाब डाला था। अगर इनकार करने पर हत्या तथा अपहरण की धमकी दी थी। जब उन्होंने ऐसा करने मना कर दिया तो उनका अपहरण कर धनंजय सिंह के घर लाया गया और वहां पर पिस्टल दिखाकर धमकी दी गई थी।
नमामि गंगे प्रोजेक्ट मैनेजर की थी शिकायत
अभिनव सिंघल की शिकायत के बाद यूपी पुलिस ने धनंजय सिंह को घर पर दबिश देकर धनंजय सिंह को गिरफ्तार किया था। धनंजय सिंह अभी तक रंगदारी मांगने के आरोप में बंद हैं। यह बात अलग है कि धनंजय सिंह ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। उनका कहना था कि जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं वो तथ्यों से मेल नहीं खाते हैं। उन्होंने गिट्टी और मिट्टी के ठेके के लिए किसी तरह का दबाव नहीं बनाया। साजिशन उनके खिलाफ राजनीतिक प्रतिद्वंदियों ने मुकदमा दर्ज कराया था।
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