प्रयागराज : यूपी बोर्ड स्टूडेंट्स जिन्हें ऐसा लगता है कि वे अपनी पढ़ाई में और अच्छा परफॉर्म कर सकते हैं उनके लिए राज्य सरकार की तरफ से 40 मिनट का रेमेडियल क्लास शुरू करवाया जाएगा। उनकी मदद के लिए रोजाना 40 मिनट के लिए इस तरह के क्लासेस का आयोजन कराया जाएगा। ऑल यूपी बोर्ड स्कूलों में अब 40 मिनट की रेमेडियल क्लासेस होगी जो बच्चों को किसी भी विषय में होने वाले दिक्कतों को हल करने में मदद करेगा।
40 मिनट की ये कक्षा सारी कक्षाएं शुरू होने के पहले होंगी। इस योजना के तहत 1.08 लाख प्राइमरी स्कूल और 50,000 अपर प्राइमरी स्कूल के कुल 1.28 करोड़ बच्चे इनरोल किए जाएंगे। राज्य के 75 जिलों में इस योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा।
जिस तरह से किसी विषय में दिक्कत होने पर छात्रों के लिए अलग से डाउट क्लासेस का आयोजन स्कूलों में किया जाता था उसी दिशा में इस योजना की भी शुरुआत की जा रही है। राज्य शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कहा कि डाउट क्लासेस की प्रैक्टिस अब स्कूलों में हटा दी गई है क्योंकि इसे समावेशी शिक्षा (inclusive education) के विरुद्ध समझा जाता था।
विभाग ने फरवरी 2020 से इन स्कूलों से इनरोल हुए छात्रों का अप्टीट्यूड टेस्ट ले रही है। इससे ये बात सामने आई है कि बड़ी संख्या में बच्चे बेसिक शैक्षिक मानदंड़ों पर भी खरे नहीं उतर रहे हैं। उम्र के लिहाज से वे शिक्षा पाने में नाकाम हो रहे हैं। इसी समस्या के हल के रुप में रेमेडियल क्लासेस की योजना लाई गई है।
इसमें 5.5 लाख असिस्टेंट टीचर्स, शिक्षा मित्र और पार्ट टाइम सब्जेक्ट इंस्ट्रक्टर होंगे जिन्हें 20 जुलाई से 14 अगस्त तक ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग स्टेट प्रोजेक्ट ऑफिस समग्र शिक्षा अभियान के द्वारा सुपरवाइज किया जाएगा।
इसके डायरेक्टर संजय सिन्हा ने बताया कि जब ये ट्रेनिंग पाए हुए शिक्षा मित्र क्लास में जाएंगे तो इनका मकसद मात्रा बच्चों को बेसिक शैक्षणिक मानदंडों के मुताबिक तैयार करना होगा। सुबह के समय में बच्चे उर्जा से भरपूर होते हैं इसलिए ये रेमेडियल क्लासेस सुबह के समय रखी गई है।
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