प्रयागराज के एसएसपी रहे (Prayagraj SSP) आईपीएस सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज (Satyarth Anirudh Pankaj) के तबादले में नया मोड़ आया है। 69000 सहायक शिक्षक भर्ती घोटाले का खुलासे करने के बावजूद तबादला कर प्रतीक्षा सूची में डालने पर विपक्ष ने यूपी सरकार पर निशाना साधा था। हालांकि अब यह बात साफ हो गई है कि सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज को खुलासे की वजह से नहीं बल्कि कोरोना पॉजिटिव होने की वजह से हटाया गया। अनिरुद्ध कोरोना पॉजिटिव थे और और उनके ड्राइवर एवं गनर भी संक्रमित हो गए। उन्होंने कोरोना पॉजिटिव अपने एक दोस्त को भी घर में रखा और इस बात को सभी से छुपाया। आईपीएस सत्यार्थ के 90 वर्षीय बुजुर्ग पिता भी संक्रमण के शिकार हो गए।
जिम्मेदार पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा कोरोना के मामले में की गई लापरवाही पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त रुख अपनाते हुए उन्हें प्रतीक्षा सूची में डाला। सूत्रों के मुताबिक सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज का जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) का सहपाठी रहा विश्व दीपक त्रिपाठी 8 जून को प्रयागराज आया था। 10 जून को उसमें कोरोना के लक्षण दिखने पर जांच कराई गई, जोकि 12 जून को पॉजिटिव आई। इस पर डॉक्टर ने आईपीएस सत्यार्थ को सलाह देते हुए विश्व दीपक त्रिपाठी को अस्पताल में भर्ती कराने को कहा। सत्यार्थ ने अपने मित्र को अस्पताल में भर्ती कराने की बजाय घर में ही रखा।
12 जून को प्रयागराज एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध में भी कोरोना के लक्षण दिखे। ट्रूनेट मशीन से जांच कराने पर उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई लेकिन वह भर्ती नहीं हुए। इसके बाद मोतीलाल नेहरू (एमएलएन) मेडिकल कॉलेज प्रयागराज उनका सैंपल भेजा गया जोकि कोरोना पॉजिटिव आया। उनका पहले सैम्पल की रिपोर्ट 15 जून को आई जिसमें वह पॉजिटिव निकले। वहीं दूसरे सैम्पल की रिपोर्ट 16 जून को भी पॉजिटिव आई। दोनों रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद आईपीएस सत्यार्थ अस्पताल में भर्ती हुए। कुछ वक्त पहले बॉलीवुड सिंगर कनिका कपूर ने भी ऐसी ही लापरवाही की थी।
एक आईपीएस अधिकारी की गलती और लापरवाही की वजह पूरा पुलिस महकमा खतरे में पड़ गया।। इस बात की जानकारी होते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त रुख अपनाते हुए आईपीएस सत्यार्थ का तबादला करते हुए उन्हें प्रतीक्षा सूची में डालने का फैसला किया।
तबादले के बाद कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था- प्रयागराज के SSP सत्यार्थ अनिरुद्ध ने इतने बड़े घोटाले का खुलासा किया है और उनका तलादला। बस उनके जाने से जांच का नुकसान न हो। वजह जो भी है, ऐसे अफसरों को पब्लिक का पूरा समर्थन मिलना चाहिए जो ईमानदारी से, निर्भय होकर अपना कर्तव्य निभाते हैं। यह विश्वास है कि जहां भी आपकी ड्यूटी होगी वहांं आप सच्चाई और प्रशासन की पारदर्शिता के लिए काम करेंगे।
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