पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित टिप्पणी मामले में बीजेपी की निलंबित नेता नुपुर शर्मा की गिरफ्तारो को लेकर देश के अलग अलग राज्यों में प्रदर्शन हुए। लेकिन सवाल यह है कि क्या प्रदर्शन के लिए लोगों को उकसाया जा रहा है। मसलन दिल्ली के जामा मस्जिद के शाही इमाम ने कहा था कि प्रदर्शन के लिए नहीं कहा गया था। बाहरी लोग शामिल थे। इसी तरह यूपी के कुछ जिलों में भी प्रदर्शन हुए जिनमें प्रयागराज भी शामिल था। लेकिन यहां के स्थानीय लोगों का कुछ और ही कहना है।
चश्मदीदों का दावा, प्रयागराज में स्थानीय शामिल नहीं
चश्मदीदों का कहना है कि प्रदर्शन में स्थानीय लोग शामिल नहीं थे। बाहरी लोगों ने हिंसक प्रदर्शन किया है। स्थानीय लोगों को कोई भूमिका नहीं है। बता दें कि प्रदर्शन में जो लोग शामिल थे उनके पोस्टर लगाए जाएंगे। फिलहाल पुलिस जानकारी इकट्ठा कर रही है। सीसीटीवी के जरिए संदिग्धों की पहचान की जा रही है।
'हिंसा करने वालों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई'
सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि प्रदर्शन के दौरान हिंसा की इजाजत नहीं दी जा सकती है। कोई भी संगठन विरोध कर सकता है लेकिन वो विधि के दायरे में हो। जिस तरह से प्रदर्शन हुए हैं निश्चित तौर पर किसी बड़ी साजिश की तरफ इशारा कर रहे हैं। लेकिन ऐसे देशविरोधी, प्रदेश विरोधी और समाज विरोधी ताकतों को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा।
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