Sawan Putrada Ekadashi 2021: सावन मास में कब रखा जाएगा पुत्रदा एकादशी व्रत, जानें त‍िथ‍ि, समय और महत्‍व

Shravan Putrada Ekadashi 2021: सावन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। इस दिन दंपत्ति संतान प्राप्ति के लिए व्रत रखते हैं तथा भगवान विष्णु की पूजा-आराधना करते हैं।

shravana putrada ekadashi 2021, shravana putrada ekadashi 2021 date, sawan putrada ekadashi 2021
श्रावण पुत्रदा एकादशी से होगी संतान प्राप्ति की इच्छा पूरी (Pic: Istock)  
मुख्य बातें
  • श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर संतान प्राप्ति के लिए व्रत रखा जाता है।
  • सनातन धर्म में श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है।
  • इस वर्ष श्रावण मास की पुत्रदा एकादशी 18 अगस्त बुधवार के दिन पड़ रही है।

Shravan Putrada Ekadashi 2021: हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष दो पुत्रदा एकादशी मनाई जाती हैं। पहली पुत्रदा एकादशी पौष माह में मनाई जाती है वहीं दूसरी पुत्रदा एकादशी श्रावण शुक्ल पक्ष में पड़ती है। इस वर्ष श्रावण मास की पुत्रदा एकादशी 18 अगस्त बुधवार के दिन पड़ रही है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन लोग संतान प्राप्ति के लिए व्रत रखते हैं तथा भगवान विष्णु की पूजा-आराधना करते हैं।

यह कहा जाता है कि श्रावण मास की पुत्रदा एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा करने से संतान प्राप्ति की इच्छा अवश्य पूर्ण होती है। इस दिन निर्जला व्रत रखना भी भक्तों के लिए लाभदायक माना गया है। जो लोग निर्जला व्रत रखने में असमर्थ होते हैं वह फलहारी व्रत भी रख सकते हैं। वैष्णव समुदाय में इस एकादशी तिथि को पवित्रोपना एकादशी और पवित्र एकादशी के नाम से जाना चाहता है। 

यहां जानें, इस वर्ष श्रावण मास में पुत्रदा एकादशी तिथि कब पड़ रही है।

putrada ekadashi 2021 date and time, 2021 में श्रावण पुत्रदा एकादशी कब है 


Shravan putrada ekadashi date 2021 श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत: - 18 अगस्त 2021, बुधवार

एकादशी तिथि प्रारंभ: - 18 अगस्त 2021, बुधवार सुबह (03:20 )

एकादशी तिथि समाप्त: 19 अगस्त 2021 गुरुवार सुबह (01:05)

श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत पारण: 19 अगस्त

Shravan putrada ekadashi significance श्रावण पुत्रदा एकादशी का महत्व क्या है?

हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, जो भक्त पुत्रदा एकादशी व्रत रखता है उसे वाजपेई यज्ञ के समान फल मिलता है। इस दिन जो दंपति संतान प्राप्ति के लिए भगवान विष्णु की पूजा करता है उसकी इच्छाएं अवश्य पूर्ण होती हैं। यह व्रत रखने वाले भक्तों की संतान को दीर्घायु का वरदान प्राप्त होता है। इस दिन कथा का पाठ करना तथा श्रवण करना उत्तम माना गया है। कहा जाता है कि जो भी इस दिन कथा का पाठ करता है या श्रवण करता है उसे गायों के दान के समान फल मिलता है। 

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (Spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

अगली खबर