सिख धर्म के पहले गुरु, गुरु नानक देव जी का जन्म कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को हुआ था। 2019 में यह तारीख 12 नवंबर की है। इस साल गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती मनाई जा रही है। बता दें कि गुरु नानक जी का जन्म 15 अप्रैल, 1469 को तलवंडी (अब पाकिस्तान) में हुआ, जिसे अब ननकाना साहिब नाम से जाना जाता है। इस दिन के गुरु पर्व, गुरुपूरब और प्रकाशोत्सव भी कहा जाता है।
गुरु नानक देव जी के बारे में खास बातें
नानक देव जी एक दार्शनिक, समाज सुधारक, कवि, गृहस्थ, योगी और देशभक्त थे। वे अंधविश्वास और आडंबरों के सख्त विरोधी थे। गुरु नानक देव जी के पिता का नाम कल्यानचंद या मेहता कालू जी था, वहीं माता का नाम तृप्ता देवी था। नानक देव जी की एक बहन थीं, जिनका नाम नानकी था। उन्होंने बाल्यकाल से ही रूढ़िवादी सोच का विरोध किया। वे अंधविश्वास और आडंबरों के सख्त विरोधी थे।
नानक देव जी ने 'निर्गुण उपासना' का प्रचार प्रसार किया। वे मूर्ति पूजा के खिलाफ थे। उनका कहना था कि ईश्वर एक है, वह सर्वशक्तिमान है, वही सत्य है।
क्या होता है गुरुद्वारों में
गुरु नानक जयंती वाले दिन सुबह 4 बजे प्रभात फेरी के साथ ही आयोजन शुरू हो जाते हैं। इससे पहले गुरुद्वारों को लाइट्स और फूलों के साथ भव्य तरीके से सजाया जाता है। साथ ही पाठ भी होते हैं। पाठ के उपरांत निशान साहिब व पंच प्यारों की झांकियां निकाली जाती है और फिर लंगर का आयोजन होता है जहां सभी लोग जात-पात और धर्म की दीवार तोड़कर एक ही साथ बैठकर प्रसाद लेते हैं। अगली सुबह 2 बजे गुरबाणी के जाप के साथ आयोजन समाप्त होते हैं।
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