मुंबई : नए सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने (शनिवार, 14 अगस्त) अपना फैसला सुना दिया। आईटी रुल्स के कुछ सेक्शन पर स्टे किया है तो कुछ को बरकरार रखा है। अदालत ने आईटी रुल्स के सेक्शन 9(1) और 9(3) पर स्टे कर दिया है, ये दोनों सेक्शन डिजिटल मीडिया के लिए कोड ऑफ एथिक्स से जुड़ा है, हालांकि अदालत ने रूल 14 और 16 पर स्टे लगाने से इनकार कर दिया है। याचिकाओं में नए आईटी नियमों को मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करार देते हुए इन्हें लागू किए जाने से रोकने की अपील की गई थी।
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि इसके तहत जो गाइडलाइंस दिए गए हैं, वे अभिव्यक्ति की आजादी के अनुरूप नहीं हैं और संविधान के प्रावधानों का भी उल्लंघन करते हैं। एक कानूनी समाचार वेबसाइट 'द लीफलेट' और पत्रकार निखिल वागले ने इसे लेकर कोर्ट में याचिका दायिक दी है और अदालत से केंद्र सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय की ओर से जारी दिशा-निर्देशों पर रोक लगाने की मांग की है।
चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस जीएस कुलकर्णी की पीठ ने शुक्रवार को इस मामले में अपनी सुनवाई पूरी कर ली थी, जिसके बाद अब आज शाम तक इस मामले में फैसला आने का अनुमान है। याचिकाओं में सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 का पालन करने में विफलता की स्थिति में उनके खिलाफ कार्रवाई से अधिकारियों को रोकने के लिए निर्देश देने का आग्रह किया गया है।