नई दिल्ली: रोजमर्रा की जिंदगी में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला उपकरण स्मार्टफोन है। हम अपने स्मार्टफोन को एक घंटे में कम से कम एक बार जरूर छूते हैं। कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन के बाद से लोग अपने घरों में हैं। स्मार्टफोन ही एक प्रमुख उपकरण है जिसके जरिए लोग बाहरी दुनिया के संपर्क में है। ऐसे में स्मार्टफोन पर वायरस होने को लेकर सवाल उठ रहे हैं। साथ ही कई लोग यह सवाल भी पूछ रहे हैं कि स्मार्टफोन पर कोरोना वायरस या कोविड-19 कितनी देर तक जिंदा रह सकता है?
सार्स वायरस साल 2003 में फैला था
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की नई स्टडी में पता चला है कि ओरिजिनल SARS-CoV एक ग्लास सर्फेस पर 96 घंटे यानी 4 दिन तक रह सकता था। ग्लास के अलावा यह वायरस ठोस प्लास्टिक और स्टेनलेस स्टील पर करीब 72 घंटे (तीन दिन) तक रह सकता था। मालूम हो कि सार्स वायरस 2003 में फैला था। वहीं, अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) की एक स्टडी में पता चला है कि मौजूद नॉवल कोरोना वायस स्टील और ठोस प्लास्टिक जैसी सतह पर 72 घंटे यानी 3 दिन तक जिंदा रह सकता है।
कॉपर पर 4 घंटे तक रह सकता है कोरोना वायरस
इस स्टडी में यह भी पता चला है कि नॉवल कोरोना वायरस एक कार्डबोर्ड पर 24 घंटे और कॉपर पर 4 घंटे तक रह सकता है। ऐसे में साल 2003 में डब्ल्यूएचओ और इसी महीने आई एनआईएच की स्टडी से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि नॉवल कोरोना वायरस ग्लास सर्फेस पर 4 दिन तक जीवित रह सकता है। इसलिए जरूरी है कि आप अपने फोन को साफ रखें ताकि फोन पर कोरोना वायरस रहने का खतरा न रहे। अपने स्मार्टफोन को साफ करने के लिए यूजर्स क्लीनिंग लिक्विड या माइक्रोफाइबर कपड़े का इस्तेमाल कर सकते हैं।