Varanasi Roads: ऊबड़-खाबड़ सड़के, गड्ढे और उड़ती धूल मिट्टी अब वाराणसी की पहचान चुकी है। जिले के ग्रामीण और शहरी क्षेत्र की कई सड़कें इतनी खस्ताहाल हैं कि, लोगों ने उन पर से गुजरने से तौबा कर ली है। कई बार प्रशासन का ध्यान लोगों ने इस समस्या की ओर खींचने का प्रयास किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। मामला अब सरकार तक पहुंच चुका है और सरकार ने जिले की सड़कों को सुधारने की दिशा में कदम उठा दिए हैं।
सरकार ने पीडब्ल्यूडी विभाग को निर्देश दिए हैं कि वह करीब 50 सड़कों की मरम्मत के लिए 20 अप्रैल तक एक प्रस्ताव बनाकर भेजे। इसके बाद विभाग ने प्रस्ताव को लेकर सभी जनप्रतिनिधियों से सुझाव मांगे हैं। विभागीय कर्मचारियों को लेकर सर्वे करा रहे हैं, ताकि निर्धारित अवधि में प्रस्ताव बनाकर भेजा जा सके। पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता सुग्रीव राम ने बताया कि 8 विधानसभा सड़कों की मरम्मत कराई जाएगी।
कुछ नई सड़कों का निर्माण भी होगा
प्रस्ताव बनाए जा रहे हैं। इसमें शहर और देहात की सड़कें शामिल होंगी। कुछ सड़कों की मरम्मत होगी और कुछ नई सड़कों के निर्माण का प्रस्ताव है। अधिशासी अभियंता ने बताया कि सर्वे कराया जा रहा है। इसमें उन इलाकों को शामिल किया जाएगा, जो पहले देहात में थे, लेकिन अब नगर निगम की सीमा में चले गए हैं। अब नए सिरे से सर्वे कराया जा रहा है, ताकि समय रहते सड़कों को बनाया जा सके।
डेढ़ साल में ही उखड़ने लगी रिंग रोड
वाराणसी शहर को जाम से निजात दिलाने के लिए डेढ़ साल पहले मिर्जामुराद से हरहुआ जाने के लिए रिंग रोड फेज-2 का निर्माण किया गया था। इसका लोकार्पण 25 अक्टूबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था, लेकिन अब यह सड़क भी उखड़ने लगी है। गर्मी और तेज धूप की थपेड़े सड़क के लिए असहनीय साबित हो रहे हैं। सड़क के उखड़ने से रोड पर दुर्घटना होने का खतरा भी बढ़ गया है।
सामग्री का सही इस्तेमाल न होने से टूटती सड़क
इंजीनियरिंग विभाग बीएचयू के सिविल इंजीनियर डॉ. बिंद्र कुमार ने बताया कि सड़क बनाते समय अच्छी तरह से कुटाई न किए जाने और सामग्री का सही से इस्तेमाल न करने से सड़क जल्दी खराब होती है। तारकोल से बनाई जाने वाली सड़कों को बनाते समय पतली परत रखना जरूरी होता है। तारकोल की परत 20 सेमी से ज्यादा नहीं रखनी चाहिए। रिंग रोड की हालत देखकर लगता है कि सामग्री का सही इस्तेमाल नहीं हुआ है।
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