Varanasi Airport: सोशल मीडिया पर इस समय बनारस का एयरपोर्ट और संस्कृत भाषा चर्चा का विषय बना हुआ है। इसकी वजह है देव भाषा संस्कृत के उत्थान के लिए लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट द्वारा की गई अनोखी पहल। दरअसल, इस एयरपोर्ट पर होने वाली घोषणाओं की भाषा में हिंदी और अंग्रेजी के साथ संस्कृत भाषा को भी जोड़ा गया है। अब इस एयरपोर्ट पर आने वाले यात्रियों को हिंदी और अंग्रेजी की घोषणाओं के साथ संस्कृत में भी वही घोषणाएं सुनाई देंगी। इस अनोखी पहल के साथ ही वाराणसी एयरपोर्ट संस्कृत में अनाउंसमेंट कराने वाला दुनिया का पहला एयरपोर्ट बन गया है।
इस संबंध में वाराणसी एयरपोर्ट अथॉरिटी ने ट्विटर पर जानकारी साझां करते हुए कहा कि, अब हमारे सम्मानित यात्रियों को विमानतल पर आते ही महसूस हो जाएगा कि, वे काशी-संस्कृत भाषा के पीठ स्थान में प्रवेश कर चुके हैं। एयरपोर्ट अथॉरिटी के इस अनोखे कदम की यात्री भी सराहना कर रहे हैं। यात्रियों को संस्कृत में अनाउंसमेंट खूब पसंद आ रहा है। बता दें कि, एयरपोर्ट अथॉरिटी ने यह कदम बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के संस्कृत डिपार्टमेंट के सहयोग से उठाया है।
अपने इस पहल की जानकारी देते हुए वाराणसी एयरपोर्ट की निदेशक अर्यमा सान्याल ने बताया कि, काशी को पूरे विश्व में धर्म और संस्कृति की राजधानी के रूप में जाना जाता है। ऐसे में यहां की संस्कृति और सभ्यता से लोगों को रूबरू कराना हमारी भी जिम्मेदारी है। हमारी इस पहल का मुख्य उद्देश्य देव भाषा संस्कृत को पूरी दुनिया में नई पहचान दिलाना है। उन्होंने बताया कि, वाराणसी एयरपोर्ट संस्कृत में अनाउंसमेंट करने वाला दुनिया का पहला एयरपोर्ट है। एयरपोर्ट अथॉरिटी के इस कदम की सोशल मीडिया पर जमकर चर्चा हो रही है, ज्यादातर लोगों ने इसका स्वागत करते हुए इसे दूसरे एयरपोर्ट पर भी लागू करने की सलाह दी है। लोगों का कहना है कि, यह भाष ही बनारस की असली पहचान है, यह बहुत पहले हो जाना चाहिए था।
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