Varanasi Betawar Ghat: जिले के रोहनिया क्षेत्र अंतर्गत छितौनी कोट निवासी 55 वर्षीय राजेंद्र राजभर का शव बुधवार की सुबह बेटावर घाट मिला। दरअसल, मंगलवार की शाम स्नान के दौरान गहरे पानी में जाने से राजेंद्र डूब गए थे। लोगों ने काफी नदी में उनकी तलाश की थी, लेकिन कुछ पता नहीं चल सका था। इसके बाद लोगों ने पुलिस को सूचना दी थी।
पुलिस को सूचना दिए जाने के बाद मंगलवार की शाम से गोताखोरों ने सर्च अभियान चलाया था। फिर रात होने पर तलाश बंद कर दी गई थी। बुधवार की सुबह पुलिस ने फिर गोताखोरों को बुलवाया और अभियान चलाया। कुछ देर बाद बेटावर घाट से कुछ दूरी पर शव उतराता हुआ पाया गया।
पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम एवं पंचनामा कराकर परिजनों को सौंप दिया। राजेंद्र के चार बेटे और दो बेटियां हैं। बड़े बेटे के अनुसार, उनके पिता पड़ोसी के एक व्यक्ति होने पर अंतिम संस्कार में शामिल होने गए थे। अंतिम संस्कार के बाद गंगा स्नान करने के दौरान वह गहरे पानी में चले और डूब गए। बीते शाम को ही उनके साथ घाट गए लोगों ने फोन पर घटना की सूचना दी थी। तब से पूरा परिवार चिंतित था।
शहर के अलग-अलग गंगा घाटों पर पिछले दो हफ्ते में आधा दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि इस अवधि में बुजुर्ग के डूबने का यह पहला मामला है। इससे पहले युवा और किशोर डूबे हैं। इनमें दूसरे शहर के भी युवा हैं। जो प्रतियोगी परीक्षा देने के लिए आए थे। फिर अपने साथियों के साथ गंगा स्नान करने चले गए थे। वहीं, दिल्ली में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे दो छात्रों को वाराणसी में गंगा घाट में डूबने से एनडीआरएफ की टीम ने बचाया था।
गोताखोरों एवं एनडीआरएफ की टीम ने अपील की है कि, कोई भी व्यक्ति किसी भी घाट पर बैरिकेडिंग को नहीं तोड़ें। बैरिकेडिंग के अंदर रहकर स्नान करें। उससे आगे जाने पर कोई हादसा हो सकता है। यह भी कहा कि, गंगा स्नान के दौरान विशेष कर बच्चों और बुजुर्गों का ख्याल रखें। बच्चे अक्सर नहाते-नहाते आगे चले जाते हैं, वहीं बुजुर्ग भी ज्यादातर तैर नहीं पाते और डूब जाते हैं।
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