ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग है या फव्वारा इसे लेकर हिंदू और मुस्लिम पक्षकार आमने सामने हैं। सर्वे रिपोर्ट और वीडियोग्राफी के मुद्दे पर दोनों पक्षों के बीच जिरह हुई। दोनों पक्षों ने अपने अकाट्य दलीलों को अदालत के सामने पेश किया। अदालत ने दोनों पक्षों को ध्यान से सुना और फैसला दिया कि 30 मई को सर्वे रिपोर्ट और वीडियोग्राफी की रिपोर्ट को दोनों पक्षों को सौंप दिया जाएगा। लेकिन ज्ञानवापी मस्जिद समिति ने अदालत से अनुरोध किया है कि सर्वेक्षण की तस्वीरें और वीडियो सार्वजनिक नहीं होने दें। जबकि हिंदू पक्ष ने अदालत के फैसले का स्वागत किया। शुक्रवार दोपहर 3 बजे हिंदू और मुस्लिम पक्ष के लोग कोर्ट पहुंचे और अदालत की कार्यवाही का हिस्सा बने। बता दें कि 11 घंटे हुई सर्वे में हिंदू पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी मस्जिद में मंदिर होने के कई सबूत मिले हैं। टाइम्स नाउ नवभारत पहले ही आपको सर्वे में मिले सबूत दिखा चुका है और आज बारी उन दोनों पक्षों को उस सबूत को देखने की है।
शुक्रवार की सुनवाई पर नजर
अदालत में हुई जबरदस्त बहस
ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग से छेड़छाड़ के दावों का सच क्या है हिंदू और मुस्लिम पक्ष में कोर्ट के अंदर गरमागरम बहस हुई और अब ये बहस कोर्ट से बाहर भी शुरू हो गई है। इस बीच आज ज्ञानवापी में मंदिर का सबसे बड़ा सबूत दुनिया के सामने आएगा जो साफ कर देगा कि ज्ञानवापी मस्जिद नहीं बल्कि मंदिर है। दोपहर 3 बजे जिला कोर्ट में कोर्ट कमिश्नर की सर्वे रिपोर्ट हिंदू और मुस्लिम पक्ष को दी जाएगी।
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