Varanasi Milk Supply: उत्तर प्रदेश की धर्म नगरी वाराणसी में दुग्ध उत्पादक समितियों ने फैसला किया है कि किसान सभी डेयरी पर दूध की सप्लाई के लिए प्लास्टिक का बर्तन नहीं इस्तेमाल करेंगे। किसानों को प्लास्टिक की जगह अन्य धातु के बर्तन को इस्तेमाल करने के लिए कहा गया है। इस संबंध में कहा जा रहा है कि प्लास्टिक के कैन में दूध की गुणवत्ता ठीक नहीं रहती और ये नुकसानदायक हो सकता है, इसलिए समितियों ने सभी दूध किसानों से प्लास्टिक बर्तन न इस्तेमाल करने का निर्देश दिया है।
गौरतलब है कि वाराणसी के जोगियार पुर में रविवार को बनास डेयरी की वाराणसी युनिट से जुड़े सेवापुरी ब्लॉक के दुग्ध उत्पादक समितियों के सचिवों की बैठक हुई। सिखडी दुग्ध उत्पादक एसोसिएशन द्वारा आयोजित बैठक में किसानों को प्लास्टिक के बर्तन में दूध ना लाने को कहा गया, साथ ही सफाई व दुहाई के बाद दूध को तुरंत समिति पर पहुंचाने को प्रेरित किया गया।
प्रतिदिन 40 हजार लीटर इकट्ठा होता है दूध
दरअसल वाराणसी समेत आसपास के कई जिलों से पांच हजार किसान प्रतिदिन करीब 40 हजार लीटर दूध इकट्ठा करते हैं। ऐसे में किसान अपने दूध को प्रोसेसिंग यूनिट तक ले जाने के लिए प्लास्टिक के बाल्टे का उपयोग करते हैं। प्लास्टिक का बाल्टा कम वजन व सस्ता होने के कारण किसानों की पहली पसंद बना हुआ है। लेकिन अब इसका उपयोग ना करने की सलाह दी जा रही है। इसका कारण यह बताया जा रहा है कि प्लास्टिक के बर्तन में दूध की गुणवत्ता बरकरार नहीं रहती है।
पीएम मोदी ने किसानों को दी सौगात
जब किसान प्लास्टिक के कंटेनर में दूध रख कर लाते है तो उसमें से कुछ मात्रा में केमिकल्स दूध में मिल जाते है। ये केमिकल दिखते तो नहीं लेकिन ये पूरे टैकंर के दूध को नुकसान पहुंचा देते हैं। आपको बता दें कि, पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बनास डेयरी की स्थापना करके किसानों को बड़ी सौगात दी है। बनास डेयरी के जरिए लाखों लोगों को फायदा हो रहा है। काशी में बनास डेयरी का ये तीसरा प्लांट है।
Varanasi News in Hindi (वाराणसी समाचार), Times now के हिंदी न्यूज़ वेबसाइट -Times Now Navbharat पर। साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार) के अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें।