Amrit Sarovar in Varanasi: वाराणसी में बनेंगे और 120 अमृत सरोवर, पानी की किल्लत हो जाएगी दूर, ये होगा फायदा

Amrit Sarovar in varanasi: जिले में अमृत सरोवर अभियान का विस्तार किया गया है। इस अभियान के तहत और सरोवरों का निर्माण करवाया जाएगा। सभी विकास खंडों में सरोवरों को निर्माण करवाया जाना है। इसकी संख्या और जिम्मेदारी विकास खंडों को दे दी गई है।

More ponds will be made from Amrit Sarovar in Varanasi
वाराणसी में अमृत सरोवर से बनेंगे और तालाब (प्रतीकात्मक तस्वीर)  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में हर लोकसभा क्षेत्र में बनाया जाना था अमृत सरोवर
  • अब शासन ने हर विकास खंड में अमृत सरोवर बनाने का जारी किया आदेश
  • जिले के आठ विकास खंडों में बनाए जाएंगे अमृत सरोवर

Amrit Sarovar in Varanasi: वाराणसी में अमृत सरोवर अभियान के तहत अब विकास खंड के स्तर पर तालाब बनाए जाएंगे। जिले के सभी आठ विकास खंडों में 15-15 और अमृत सरोवर बनाए जाने की योजना है। बता दें, आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष के तहत यह निर्माण हो रहा है। इसमें पहले हर लोकसभा क्षेत्र में 75 तालाबों का निर्माण करवाया जा रहा था। अब अभियान की रूपरेखा बढ़ा दी गई है। इसके दूसरे चरण में अब हर विकास खंड में और 15-15 तालाब बनाए जाने हैं। इससे पहले जिले में 82 तालाबों को अमृत सरोवर बनाया जाएगा। 

अभियान के दूसरे चरण को पूरा होने के बाद जिले में कुल 202 अमृत सरोवर हो जाएंगे। योजना के तहत अमृत सरोवर पर घाट की सीढ़ी, पाथ-वे, ध्वजारोहण के लिए चबूतरा बनाने, बेंच एवं अमृत वन लगाने और पानी के आने एवं निकासी की व्यवस्था की जानी है। इन सरोवरों के लिए सभी विकास खंड में 15-15 तालाब चयनित कर लिए गए हैं। इन पर होने वाले खर्च का एस्टीमेट बनाया जा रहा है। इन 120 तालाबों को बनाने के लिए 10000 श्रमिकों की जरूरत पड़ेगी। यानी इतने लोगों को रोजगार मिलेगा। 

82 सरोवरों में कच्चे काम हुए पूरे

जिले में पहले चयनित किए गए 82 सरोवरों में कच्चे काम पूरे करा लिए गए हैं। कुछ तालाबों में पानी के चलते मिट्टी का काम बचा है। एक हफ्ते में इसे भी पूरा कर लिए जाने का दावा है। इसके अतिरिक्त कई जगहों पर पाथ-वे बनाने के लिए समतलीकरण, घाट की सीढ़ियों के लिए बेस तैयार करने का काम हो रहा है। 

नहीं होगी पानी की किल्लत

इन सभी विकास खंडों में अमृत सरोवर बन जाने के बाद लोगों को पानी की किल्लत नहीं होगी। लोग दैनिक कार्यों के अलावा सिंचाई के लिए सरोवर के पानी का इस्तेमाल कर सकेंगे। इसको ध्यान में रखकर ही बरसात से पूर्व सभी सरोवरों का निर्माण पूरा कराने का लक्ष्य है। ताकि बारिश का पानी अधिक से अधिक मात्रा में इन सरोवरा में इकट्ठा हो सके।
 

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