Varanasi News: बेसिक शिक्षा विभाग के पूर्व माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं को आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ाया जाएगा। मिशन प्रेरणा के तहत इसके लिए कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। ग्रीष्मावकाश के बाद हर दिन छात्राओं की एक क्लास सिलाई, कढ़ाई, बुनाई और पेंटिंग की चलाई जाएगी। जनपद के परिषदीय स्कूलों में ढाई लाख से ज्यादा बच्चे पंजीकृत है। इनमें 80 हजार से ज्यादा छात्राएं है।
पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 6 से 8 तक पंजीकृत छात्राओं की संख्या 30 हजार के आसपास है। बीएसए राकेश सिंह ने बताया कि, ज्यादातर बालिकाएं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से आती हैं। कक्षा आठ तक पढ़ाई के बाद आगे की शिक्षा में इन्हें परेशानी होती है।
विभाग की तरफ से हस्तकला, क्राफ्ट, सिलाई-कढ़ाई और पेंटिंग आदि सिखाने की व्यवस्था की जा रही है ताकि यह छात्राएं आत्मनिर्भर बनें और जरूरत पड़ने पर अपने प्रयास से अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें। इस तरह के प्रशिक्षणों से छात्राओं के आत्मविश्वास में भी बढ़ोतरी होगी। आने वाले दिनों में कौशल विकास की अन्य गतिविधियों को भी स्कूल में शामिल किया जाएगा। बीएसए ने बताया कि, स्कूल में हर दिन छात्राओं के लिए यह कक्षाएं अलग से चलाई जाएंगी।
प्रारंभिक प्रशिक्षण स्कूलों की शिक्षिकाएं देंगी। आगे आने वाले दिनों में विशेषज्ञ की मदद भी ली जाएगी। आपको बता दें कि, परिषदीय स्कूलों में शुक्रवार से ग्रीष्मावकाश की घोषणा हो गई। इस बार गर्मियों की छुट्टी 27 दिनों की रखी गई है। नए शैक्षणिक सत्र की पढ़ाई अब 16 जून से शुरू होगी। विद्यालयों में 16 जून से शिक्षकों के साथ कक्षा एक से आठ तक के बच्चों की उपस्थिति होगी। एक जुलाई की जगह पहले से ही कक्षाएं शुरू हो जाएंगी। गौरतलब है कि, ग्रीष्मावकाश और शीतकालीन अवकाश को लेकर शासन से निर्देश भी जारी किए गए हैं। इस सत्र में एक जुलाई से पहले 14 दिन पूर्व ही विद्यालय खुल जाएंगे। व्यवस्था बदल जाने से जून के अवकाश में विविध कार्यक्रमों की तैयारी करने वाले शिक्षकों को झटका लगा है।
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