Varanasi Initiative For Environment: वाराणसी में अब पर्यावरण संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करेंगे स्कूल

Varanasi Initiative For Environment: पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरुकता फैलाने को वाराणसी में एक बड़ी पहल की गई है। अब परिषदीय स्कूल लोगों को पर्यावरण का महत्व समझाएंगे। हरियाली का संदेश फैलाएंगे।

Now schools will give emphasis on environmental protection
अब स्कूल देंगे पर्यावरण संरक्षण पर जोर  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • सरकारी स्कूलों और बीआरसी में लगाए जाएंगे रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
  • स्कूलों में आंवला एवं अन्य कुछ पौधे अनिवार्य रूप से लगाने के निर्देश जारी
  • गैरहां स्कूल की तर्ज पर सभी स्कूलों को करना होगा काम

Varanasi Initiative For Environment: वाराणसी में पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने का काम अब स्कूल करेंगे। परिषदीय स्कूलों द्वारा क्षेत्र के लोगों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया जाएगा। इसके साथ ही सभी सरकारी स्कूल और बीआरसी में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया जाएगा। इसके अतिरिक्त स्कूलों में आंवला एवं अन्य कुछ पौधों को लगाना अनिवार्य किया गया है।दरअसल, सेवापुरी प्रखंड के गैरहां स्कूल में पर्यावरण संरक्षण को लेकर काफी काम किया गया है। इस क्षेत्र में झरना और ज्वालामुखी के मॉडल के साथ औषधीय पौधों की क्यारियां बनी हैं। अब अन्य स्कूलों को इसकी तर्ज पर काम करना है।  

जिनके पास पर्याप्त जगह, उन्हें लगाना होगा रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम

इस बारे में बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीईओ) राकेश सिंह ने बताया कि, सभी स्कूलों और बीआरसी में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने का निर्देश जारी किया गया है, लेकिन जिनके पास जगह का अभाव है, वो सिर्फ हरे पौधे लगाएंगे। वहीं, जिनके पास पर्याप्त जगह है, उन्हें अनिवार्य रूप से रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना है। 

स्कूलों को बनाना होगा न्यूटी गार्डन

बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सभी स्कूलों को न्यूटी गार्डन बनवाने के लिए भी कहा है। इस गार्डन में फल, सब्जी और औषधीय गुण वाले पौधे लगाए जाएंगे। इस गार्डन के माध्यम से बच्चों में बागवानी के शौक के साथ पर्यावरण के प्रति जागरुकता आएगी। अपने घर में बच्चों द्वारा अभिभावकों को भी बागवानी के लिए प्रेरित किया जाएगा। 

एक-एक पौधा गोद लेंगे शिक्षक

बेसिक शिक्षा अधिकारी के अनुसार, सभी स्कूलों के शिक्षक एक-एक पौधे को गोद लेंगे। उस पौधा की देखरेख की जिम्मेदारी उस शिक्षक की होगी। शिक्षकों को आंवला, सहजन और नींबू का पौधा लगाने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा जिन शिक्षकों के पास पर्याप्त जमीन हैं, वो एक से अधिक पौधे लगा सकते हैं। लेकिन, उन पौधों की देखरेख उन्हें हर हाल में करनी होगी। विभागीय स्तर पर इसकी जांच भी कराई जाएगी। 
 

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