Varanasi Air Quality Index News: वाराणसी में कम हुआ वायु प्रदूषण का स्तर, कम हुए खतरनाक धूल के कण

Varanasi Air Quality Index News: वाराणसी शहर मई की शुरुआत से ही राहत की सांस ले रहा है, इसका कारण है कि यहां की हवा में खतरनाक धूल के कणों की मात्रा कुछ कम हुई है। वायु प्रदूषण के मामले में शहर ग्रीन जोन में पहुंच गया है।

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 वाराणसी की हवा की गुणवत्ता में आया सुधार (प्रतीकात्मक तस्वीर) 
मुख्य बातें
  • शहर की हवा में आया सुधार
  • मई की शुरुआत से राहत की सांस ले रहा वाराणसी शहर
  • वाराणसी की हवा साफ होने से वायु गुणवत्ता सूचकांक 100 से नीचे पहुंचा

Varanasi Air Quality Index News: वाराणसी की हवा की गुणवत्ता में पिछले काफी दिनों से सुधार देखने को मिल रहा है, शहर की हवा में कुछ सुधार हुआ है। मई की शुरुआत से ही वाराणसी शहर राहत की सांस ले रहा है। वाराणसी की हवा साफ होने से वायु गुणवत्ता सूचकांक 100 से नीचे हो चला है। वहीं वायु प्रदूषण के मामले में शहर ग्रीन जोन में पहुंच गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी कालिका सिंह ने बताया कि, इन दिनों शहर में चल रहे अधिकांश निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं।

शहर में नई बनी सड़कें व फ्लाईओवर भी चालू हो चुके हैं। शहर में इलेक्ट्रानिक और सीएनजी वाहनों की संख्या बढ़ने से धूल, धुएं की मात्रा में काफी कमी देखने को मिल रही है। इसके चलते वाराणसी में हवा की स्थिति में काफी सुधार देखने को मिल रहा है। वहीं बीते हुए महीने मार्च और अप्रैल में तेज लगन के चलते भीड़ का दबाव, लोगों की आवाजाही और वाहनों की भीड़ के बावजूद शहर की हवा की गुणवत्ता येलो जाेन में औसतन बनी रही है। 

शहर में बिना ग्रीन मैट लगाए भवनों का निर्माण

वाराणसी शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक प्राय 150 से 170 के बीच रहा है।आश्चर्यजनक कि सर्वाधिक प्रदूषित रहने वाला अर्दली बाजार क्षेत्र बीते हफ्ते में पूरी तरह ग्रीन जोन में रहा। इस दौरान यहां की वायु गुणवत्ता सूचकांक 68 से 95 के बीच रहा है। वाराणसी में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश की खुलेआम धज्जियां उड़ रही है। शहर में बिना ग्रीन मैट लगाए भवनों का निर्माण होने से लोग विभिन्न बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। भवनों पर ग्रीन मैट नहीं होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। 

बिना ग्रीन मैट निर्माण से बढ़ रही बीमारियां

अध्यात्म की नगरी काशी में बिना ग्रीन मैट लगाए भवनों का निर्माण होने से लोग विभिन्न बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। बहुमंजिली इमारतों से ईंट व प्लास्टर के टुकड़े गिरने से लोग चोटिल तक हो रहे हैं। इसको लेकर आए दिन सड़कों पर विवाद होता है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती है। भवन स्वामियों को बिना ग्रीन मैट लगाए निर्माण नहीं करने को कहा गया है। वाराणसी विकास प्राधिकरण और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड निर्माणाधीन भवनों पर ग्रीन मैट नहीं होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। 

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