Varanasi Fake Doctors: जिले में अवैध रूप से चल रहे निजी अस्पतालों, नर्सिंग होम और पैथोलॉजी सेंटर को अब चिह्नित किया जा रहा है। इस दिशा में स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने कार्रवाई शुरू की है। सभी रजिर्स्ड निजी अस्पतालों, नर्सिंग होम की सूची विभाग के पोर्टल पर अपलोड की जाएगी। गैर रजिस्टर्ड स्वास्थ्य केंद्रों की भी सूची सार्वजनिक की जाएगी। दो सप्ताह के अंदर सभी निजी अस्पतालों को अपना रजिस्ट्रेशन करवाना एवं लाइसेंस रिन्यू करवाना है। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने लोगों से अपील की है कि सरकारी अस्पतालों या रजिस्टर्ड प्राइवेट अस्पतालों में ही अपना इलाज करवाएं।
बता दें आए दिन झोलाछाप डॉक्टरों के यहां मरीजों की मौत पर बवाल होता रहता है। पीड़ित परिवार जिलाधिकारी एवं सीएमओ से शिकायत करते हैं। समय के साथ-साथ इन झोलाछाप डॉक्टरों की संख्या में भी काफी इजाफा हुआ है, इसलिए अब सख्ती बरती जा रही है।
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने कहा कि जिले के वो निजी नर्सिंग होम, क्लीनिक, पैथोलॉजी सेंटर जिन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी के यहां अपना स्वास्थ्य केंद्र रजिस्टर्ड नहीं करवाया है, वो दो हफ्ते के अंदर करा लें। पहले से रजिस्टर्ड प्रतिष्ठानों से जुड़े बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण, क्षय रोगियों का पंजीकरण, जन्म और मृत्यु प्रमाण-पत्र, संस्थागत प्रसव की सूचना भी पोर्टल पर अपलोड करनी पड़ेगी। बिना रजिस्ट्रेशन संचालित होने वाले निजी नर्सिंग होम, क्लिनीक एवं पैथोलॉजी सेंटर के खिलाफ कार्रवाई होगी।
इस बारे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. संदीप चौधरी का कहना है कि एनआईसी पोर्टल पर बहुत जल्द ही चिकित्सा प्रतिष्ठानों की सूची अपलोड करा दी जाएगी। सीएमओ के मुताबिक जिले में 309 चिकित्सा प्रतिष्ठान रजिस्टर्ड हैं। इनमें शहरी क्षेत्र के 205 और ग्रामीण क्षेत्र के 104 चिकित्सा प्रतिष्ठान हैं। इसमें सी चैंबर 14, डे-केयर-2, डेंटल यूनिट-2, डायगोनेस्टिक क्लीनिक-16, हॉस्पिटल-77, आईवीएफ सेंटर-1, मैटर्निटी होम-3, मेडिकल क्लीनिक-69, नर्सिंग होम-20, ओपीडी क्लीनिक-69, पैथोलॉजी लैब-59 हैं। इसके साथ ही 50 बेड या इससे अधिक क्षमता के 24 निजी अस्पताल भी रजिस्टर्ड हैं।
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