Ropeway Varanasi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस को सजाने संवारने में कोई कमी नहीं रह जाए, इसी को लेकर बनारस में तंग गलियों से ट्रैफिक को हटाने के लिए रोपवे की शुरुआत की गई। हालांकि, 2021 में इस परियोजना को शुरुआत करने के बाद कई बार बदलाव हो चुके हैं, ताजा खबर यह आ रही है कि इस रोपवे प्रोजेक्ट का फिर से पैमाइश की जाएगी। विकास प्राधिकरण के साथ राष्ट्रीय राजमार्ग लॉजिस्टिक मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड के अधिकारियों ने नए सिरे से इस पर डीपीआर बनाने की कोशिश की है। ड्रोन और आसमानी कैमरे के जरिए इसकी पैमाइश की जाएगी।
गौरतलब है कि, अब तक जो पैमाइश की गई है, उससे रोपवे के यातायात रास्ते में परिवर्तन की संभावना बन रही है। बता दें कि, कैंट स्टेशन से गिरजाघर तक के लिए साढ़े चार किलोमीटर लंबी रोपवे परियोजना में पी पी के तहत किसी भी कंपनी ने रुचि नहीं दिखाई, इसके बाद फिर से इसका डीपीआर बनाया जा रहा है। इस के बजट के साथ जन परियोजना बनाने के लिए नए रास्तों को भी तलाशा जा रहा है।
साजन तिराहे से रोपवे के लिए नई सड़क से जोड़ते हुए गिरजाघर पहुंचाने का सर्वे किया जा रहा है। मालूम हो कि, स्टेशन से लहुराबीर गोदौलिया तक ऐसे यात्रियों की संख्या बहुत कम है इसलिए इस आधार पर यह निर्णय लिया गया है। रोपवे की नई डीपीआर के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग लॉजिस्टिक मैनेजमेंट के अधिकारी बनारस पहुंच गए हैं। अब इस नए रोपवे में यातायात के रास्ते को और बनारस को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग लॉजिस्टिक मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड को ऑफिस का काम सौंपा गया है। वीडीए के उपाध्यक्ष के अनुसार, राष्ट्रीय राजमार्ग की तरफ से पैमाइश शुरू की गई है और 15 दिनों के अंदर कोई नया निर्णय आने का उम्मीद है।
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