Varanasi News: वाराणसी में परीक्षा के दिन ही मिल जाएगा परिणाम, लांच होगा सरल एप

Basic Education Council: परिषदीय स्कूलों में बच्चों की योग्यता के आंकलन के लिए बेसिक शिक्षा परिषद ने एक एप तैयार किया है। बच्चों ने जिस दिन परीक्षा दी है, इस एप के माध्यम से उसी दिन रिजल्ट सामने आ जाएगा।

Saral APP
बच्चों की मासिक परीक्षा  |  तस्वीर साभार: फेसबुक
मुख्य बातें
  • परीक्षा के दिन ही मिल जाएगा बच्चों का रिजल्ट, लांच होगा सरल एप
  • बेसिक शिक्षा परिषद तैयार कर रहा कार्य योजना
  • कोरोना काल में बच्चे दो वर्ष तक स्कूलों से रहे दूर

Varanasi News: वाराणसी के परिषदीय स्कूलों में विद्यार्थियों की योग्यता के आंकलन के लिए जिस दिन परीक्षा होगी, उसी दिन शाम तक परिणाम भी आ जाएगा। यह संभव होगा सरल एप के जरिए। बेसिक शिक्षा परिषद अब बच्चों के मासिक परीक्षा और लर्निंग असेसमेंट के लिए इस एप का प्रयोग करने की कार्ययोजना तैयार कर रहा है। इससे पहले गोरखपुर में पायलट प्रोजेक्ट के तहत दिसंबर में कक्षा एक से तीन तक के बच्चों की परीक्षा लेकर इस एप के जरिए उनकी योग्यता का आंकलन किया गया था।

जिसके बाद इसे अब अन्य जिलों में भी लागू करने की तैयारी है। एप के इस्तेमाल स्टूडेंट असेसमेंट टेस्ट (सैट) में किया जाएगा। सैट में लर्निंग आउटकम के लिए विद्यार्थियों से निर्धारित प्रेरणा सूची पर आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं।

परिषदीय स्कूलों में कक्षा तीन तक के बच्चों का होगा आंकलन  

मूल्यांकन के जरिए यह जानकारी हो सकेगी कि किस कक्षा के किस विषय में बच्चे का कौन सा पक्ष (बोलने, लिखने या समझने) कमजोर है और उसे दूर करने के लिए अतिरिक्त शिक्षक व शिक्षण सामग्री की व्यवस्था की जाएगी। परिषदीय स्कूलों में कक्षा तीन तक के बच्चों का आंकलन होगा। आपको बता दें कि सरल एप के जरिए से ऑनलाइन पढ़ाई की सच्चाई परखी जाएगी। अभी तक परिषदीय स्कूलों में बच्चों की शैक्षिक दक्षता का आंकलन तिमाही टर्म परीक्षा के आधार पर किया जाता है। 

शिक्षक ही ओएमआर शीट को सरल एप पर करेंगे अपलोड

इसमें बच्चे आंसर शीट पर अपना उत्तर लिखते हैं। इसके बाद उन्हें एक साथ ब्लॉक संसाधन केंद्र भेजा जाता है और उनका मूल्यांकन किया जाता है। फिर बच्चों के प्रदर्शन का डाटा फीड किया जाता है। ऐसे में काफी समय लग जाता है। लेकिन सरल एप के तहत छात्र हर महीने आप्टिकल मार्क रीडर (ओएमआर) शीट के माध्यम से परीक्षा देंगे। शिक्षक उन ओएमआर शीट को सरल एप पर अपलोड कर देंगे। इससे तुरंत ही विद्यार्थियों की शैक्षिक दक्षता का रिजल्ट सामने आ जाएगा। ऐसे में कमजोर विद्यार्थियों का पता चल जाएगा, साथ ही सीखने और समझने के स्तर का मूल्यांकन आसानी से हर 15 दिन में हो पाएगा।

मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक वाराणसी अवध किशोर सिंह ने बताया कि कोरोना काल में बच्चे करीब दो वर्ष तक विद्यालय से दूर रहे हैं, जिससे उनकी पढ़ाई का नुकसान हुआ है। नुकसान किन-किन विषयों में हुआ है, यह पता लगाने के नए इस तरह के मूल्यांकन प्रक्रिया को चुना गया है।  
 

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