Intelligence shoe: 'काशी' के लाल ने किया कमाल, इंटेलिजेंस जूता रोकेगा घुसपैठ और चलाएगा गोली

भारत में कमाल की प्रतिभाएं हैं। पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के एक शख्स ने कमाल का जूता तैयार किया है। इंटेलिजेंस जूता न सिर्फ घुसपैठ रोकेगा बल्कि गोली भी चलाएगा।

Intelligence shoe: 'काशी' के लाल ने किया कमाल, इंटेलिजेंस जूता बॉर्डर पर रोकेगा घुसपैठ और  चलाएगा गोली
श्याम चौरसिया ने बनाया इंटेलिजेंस जूता 
मुख्य बातें
  • वाराणसी के रहने वाले श्याम चौरसिया ने बनाया इंटेलिजेंस जूता
  • इंटेलिजेंस जूता के जरिए घुसपैठ रोकने और गोली चलाने का दावा
  • अत्याधुनिक तकनीक के जरिए बनाया गया इंटेलिजेंस जूता

वाराणसी। बार्डर पर घुसपैठ रोकने के लिए बनारस के युवा वैज्ञानिक ने एक ऐसा जूता तैयार किया है जो 20 किलोमीटर तक की दूरी तक किसी दुश्मन की आहट को महसूस करेगा और घुसपैठ को रोक सकेगा। यह इंटेलिजेंस जूता गोलियां दागने में भी सक्षम है। इसका उपयोग दुश्मनों को रोकने के लिए किया जाएगा। इसको युवा वैज्ञानिक श्याम चौरसिया ने बनाया है। प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के युवा वैज्ञानिक श्याम चौरसिया महिलाओं और सेना के लिए कई नए-नए इनोवेशन कर चुके हैं।

इंटेलिजेंस जूता रोकेगा घुसपैठ
श्याम चौरसिया ने बताया कि, "कभी-कभी देश में घुसपैठिये चुपचाप बार्डर पर घुसने का प्रयास करते हैं। उन्हें रोकने के लिए इंटेलिजेंस जूता बनाया है। जो बार्डर पर घुसपैठ की घटना होते ही सचेत कर देगा। इस जूते में एक विशेष प्रकार का सेंसर लगाया गया है, जो कि 20 किमी तक की घटना के लिए यह जवानों को बाइब्रेट करके आलर्म के माध्यम से अलर्ट करेगा। जिससे समय रहते जवान अपनी और बॉर्डर की सुरक्षा कर सकेंगे।"

जूते के जरिए दागी जा सकती हैं गोलियां
उन्होंने बताया कि यह जूता महज कुछ सेकेंडों में जानकरी दे देगा। इसमें अपातकाल को देखते हुए 2 फोल्डिंग 9 एमएम के गन बैरल लगाए गए हैं, जो फायर भी कर सकते हैं। इससे जवान अपनी सुरक्षा भी कर सकते हैं।वैज्ञानिक श्याम चौरसिया बताते हैं कि, "यह दुश्मन की हर प्रकार की गतिविधियों पर नजर रख सकता है। यह रेडियो फ्रिक्वेंसी और मोबाइल नेटवर्क पर भी काम करता है। इसका वजन महज 650 ग्राम है। रबड़ और स्टील की प्लेट को मिलाकर इसे तैयार किया गया है। ठंड से जवानों को बचाने के लिए इसमें एक विशेष प्रकार का हीटर लगाया गया है। जो कि उनके पैरों को गर्म रखेगा। इसके अलावा इसमें सोलर चर्जिग सिस्टम भी लगा है।


अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल

इसमें स्टील की चादर, एलईडी लाइट, सोलर प्लेट रेडियो सर्किट, स्विच इलेक्ट्रॉनिक ट्रिगर के अलाव वाइब्रेशन मोटर का भी इस्तेमाल हुआ है। इसका लेजर सेंसर और ह्यूमन सेंसर बॉर्डर में रखा होगा। जैसे ही दुश्मन की हरकत होगी और वह इसकी रेंज में आएगा। इसके बाद यह तुरंत एक्टिव होकर जवान के जूते पर सिग्नल भेजेगा। जूते में लगा आलर्म जवान को सूचित कर देगा कि कोई अराजक तत्व बॉर्डर में दाखिल हुआ है। जवान सतर्क हो जाएंगे और समय रहते ही दुश्मन को रोकने में सक्षम हो सकते हैं। अपातकाल के समय जवान इसमें दुश्मन को टारगेट करके फायर भी कर सकते हैं। जूता आगे और पीछे दोनों तरफ रिमोर्ट के माध्यम से फायर कर सकेगा। इस यंत्र के इस्तेमाल से बॉर्डर और जवान दोनों की आसानी से सुरक्षा होगी।"

गोरखपुर नक्षत्रशाला के क्षेत्रीय वैज्ञानिक अधिकारी महादेव पांडेय ने बताया कि, "इस इंटेलिजेंस जूते की तकनीक बहुत अच्छी है। इसमें जितना मजबूत सेंसर होगा, यह उतना ही कारगर होगा। यह जूता घुसपैठ को राकेगा। जिस प्रकार से जैपनीज गाड़ियों में देखने को मिला है कि अगर कहीं दूर कोई आवाज होती है तो 2 किलोमीटर पहले से इंडिकेटर बजने लगता है। यह बहुत अच्छी खोज है बशर्ते इसमें सेंसर का बहुत बड़ा रोल होता है। इसलिए इसे और मजबूत करने की जरूरत है।"

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