Varanasi Weather Update: वाराणसी में लू का असर दिखने वाला है। अब हर दोपहर करीब 20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही है। हवा की गति 24 किलोमीटर से ऊपर जाने का अनुमान है। वाराणसी का अधिकतम तापमान 41.2 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। यानी लू के थपेड़े गर्मी शुरू हो गई है। पिछले 10 साल में तीसरी बार मार्च में यह तापमान बढ़ा है। लेकिन जब भी तापमान बढ़ता है तो, उस दौरान हल्की बारिश भी होती है।
इस बार ऐसा लग रहा है, जैसे वातावरण में आग बरस रही हो। सुबह के समय वाराणसी का औसत तापमान 21.8 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। वहीं, हवा में नमी भी 60 फीसदी से ऊपर है। वाराणसी का न्यूनतम तापमान भी 20 डिग्री सेल्सियस से अधिक रिकॉर्ड किया जा रहा है।
तापमान सीजन में सर्वाधिक 41.2 डिग्री हो चुका है
पूर्वांचल में मौसम का रुख सामान्य से अधिक चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। पारा अधिकतम 41 के ऊपर हो चला है, और गर्मियों का दौर लोगों को मौसमी चुनौती दे रहा है। माना जा रहा है कि, आने वाले दिनों में तापमान में कुछ कमी आ सकती है। लेकिन, तब तक हीट वेव का दौर लोगों को गर्मी का असर कराता रहेगा। इस पूरे सप्ताह मौसम विभाग ने आसमान साफ रहने का संकेत दिया है। माना जा रहा है कि, अधिकतम पारा एक से दो डिग्री तक बढ़ गया तो दशक भर से अधिक समय में यह नया रिकार्ड होगा। वहीं पारा सामान्य से चार से पांच डिग्री अधिक बना हुआ है। बीते चौबीस घंटों में वाराणसी में अधिकतम तापमान 41.2 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया जो सामान्य से पांच डिग्री अधिक था। न्यूनतम पारा 22.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जो सामान्य से चार डिग्री अधिक था। आर्द्रता अधिकतम 75 फीसद और न्यूनतम 14 फीसद दर्ज की गई।
चुनौतीपूर्ण बना हुआ है मौसम
मौसम विभाग की ओर से जारी सैटेलाइट तस्वीरों के अनुसार, पूर्वांचल में मौसम का रुख चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। बादलों का नामोनिशान नहीं है और ऊपर से हीट वेव का दौर होने की वजह से वातावरण चुनौतीपूर्ण हो चला है। मौसम विभाग ने हीटवेव खत्म होने के बाद तापमान में मामूली कमी का संकेत दिया है। मौसम विभाग की ओर से इस सप्ताह बादलों के संकेत नहीं हैं। आर्द्रता अधिकतम में इजाफा भले ही हुआ हो लेकिन न्यूनतम आर्द्रता में इजाफा हुए बिना बादलों की सक्रियता और बूंदाबांदी मुमकिन नहीं है। इस लिहाज से अप्रैल माह के पहले पखवारे में तापमान में इजाफा ही होने का संकेत है। जबकि मध्य अप्रैल के बाद अंधड़ और तेज हवाओं के साथ बादलों की सक्रियता का दौर हो सकता है। इसकी वजह से अप्रैल और मई मध्य तक तापमान में इजाफा होने के बाद मई मध्य से जून मध्य तक प्री मानसूनी बारिश लोगों को गर्मी और लू से राहत देगी।
गर्मी की लहर
जब मैदानी इलाकों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस और पहाड़ियों में 30 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाता है, तो ऐसी स्थिति में गर्मी की लहर का प्रभाव कहा जाता है। तापमान के साथ-साथ गर्म हवा की गति भी 24 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक होती है।
गर्मी से बचाव
• दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच घर से बाहर निकलने से बचें
• तला हुआ और खुला खाना या बाहर का नाश्ता न करें
• तरबूज, खरबूजा, खीरा, जैसे मौसमी फलों का सेवन अवश्य करना चाहिए
• दिन भर में कम से कम 10 गिलास पानी पिएं
• बाहर जाते समय छाछ, लस्सी, पन्ना, बेल की चाशनी जैसी चीजें लें
• बाहर निकलने से पहले अपने चेहरे पर सनस्क्रीन लगाएं
• पूरी बाजू के कपड़े पहनें और रंग गहरा नहीं होना चाहिए, धूप का चश्मा अवश्य लगाएं
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