Varanasi Bike Theft: वाराणसी में बाइक चोरों का आतंक, पलक झपकते आपकी बाइक का बदल जाएगा रंगरूप

Varanasi Bike Theft: वाराणसी में वाहन चोरों का आतंक बढ़ गया है। आए दिन सड़कों एवं घरों से बाइक गायब हो जा रही है। नई और पुरानी बाइकों की बढ़ती चोरी से पुलिस वाले भी परेशान हैं। अब पुलिस ने बाइक चोरों की धर-पकड़ शुरू कर दी है। बाइक चोरों के एक गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है।

Thieves used to steal bikes in Varanasi and sell them like this
वाराणसी में बाइक चुराकर उसे इस तरह बेचते थे चोर  |  तस्वीर साभार: Representative Image
मुख्य बातें
  • कैंट पुलिस ने फुलवरिया शिव मंदिर के पास से बाइक चारों को गिरफ्तार किया
  • आधा दर्जन चोरों की गिरफ्तारी के बाद इनकी निशानदेही पर 12 बाइक बरामद
  • वाहन चुराने के बाद उसका नंबर प्लेट, चेचिस, इंजन नंबर और रंग बदल देते थे चोर

Varanasi Bike Theft: शहर में पलक झपकते लोगों की बाइक चोरी हो जाती है। खासतौर पर भीड़भाड़ वाले इलाकों से सरेआम बाइक चोरी हो रही है। लोगों की शिकायत और वरीय अधिकारियों के दबाव पर कैंट पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने वाहन चोरों के एक गिरोह को पकड़ा है। पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश के सख्त निर्देश पर विभिन्न इलाकों में छापेमारी अभियान चलाया गया। 

इस अभियान में नदेसर चौकी के इंचार्ज राजकुमार पांडेय और इनकी टीम ने फुलवरिया शिव मंदिर के पास से आधा दर्जन चोरों को दबोचा है। इन चोरों की निशानदेही पर पुलिस ने अब तक 12 बाइक बरामद की है। पुलिस का कहना है कि चोरों की धर-पकड़ के लिए छापेमारी जारी रहेगी। इस गिरोह से कुछ अन्य वाहन चोर गिरोह की जानकारी मिली है। अब उन्हें पुलिस गिरफ्तार करेगी। 

अलग-अलग क्षेत्र के रहने वाले हैं सभी चोर

गिरफ्तार किए गए वाहन चोरों में बड़ागांव के परसादपुर मंगारी का रहने वाला रिंकू राजभर, सत्यम पटेल, हरिशंकरपुर का रहने वाला अनिल कुमार राजभर, नेवादा मंगारी का निवासी सुभाष चंद्र, बड़ागांव के जमालपुर का रहने वाला बद्रीनारायण यादव, चोलापुर के नेहिया का रहने वाला वीरेंद्र दुबे शामिल है। पुलिस की पूछताछ में इन सबने बताया कि ये लोग अलग-अलग इलाकों से बाइक चोरी करते हैं। फिर उसका नंबर प्लेट, चेचिस नंबर, इंजन नंबर बदल देते हैं। इतना ही नहीं गाड़ी का रंग भी बदल दिया जाता है। 

एक साथ गाड़ियों को बेचते हैं

चोरों ने पुलिस को बताया कि गाड़ी से उसके वास्तविक मालिक की पहचान खत्म करने के बाद उसे एक साथ बेचा जाता है। इसके बाद वह गाड़ी कटवा दी जाती है। चोरों ने बताया कि बरामद सभी गाड़ियों को वह लोग कटवाने के लिए भिजवाने ही वाले थे। गाड़ियों को एक साथ भेजने के लिए किसी बड़े वाहन का इंतजाम करने में लगे थे। इसी दौरान पुलिस ने उन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। 

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