GI Products Gallery Varanasi: देश की पहली जीआई उत्पादों की गैलरी वाराणसी में बन रही है। इस गैलरी को बड़ालालपुर स्थित दीनदयाल हस्तकला संकुल के संग्रहालय में बनाया जा रहा है। इस गैलरी में जीआई के 250 उत्पाद रखे जाएंगे। देश भर के अलग-अलग हिस्सों से अब तक 73 उत्पाद मंगवाए जा चुके हैं। अगस्त में यह गैलरी खोल दी जाएगी। वस्त्र मंत्रालय की पहल पर गैलरी बनाई जा रही है।
फिलहाल ऐसी गैलरी कहीं नहीं है, जो पूरे देश के हस्तशिल्प एवं हथकरघा पर बने जीआई उत्पादों का प्रतिनिधित्व करती हो। जीआई गैलरी में महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर, गुजरात, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, पुडुचेरी, राजस्थान, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड समेत कई राज्यों के जीआई उत्पाद रखे जाएंगे।
जीआई उत्पाद गैलरी में आने वाले लोग उत्पादों की खरीदारी करना चाहेंगे तो उन्हें शिल्पियों का फोन नंबर और पता दिया जाएगा। इससे शिल्पियों और बुनकरों को बाजार मिलेगा। हस्तशिल्प विभाग के सहायक निदेशक अब्दुल्ला और गोपेश कुमार मौर्य का कहना है कि गैलरी में कोल्हापुर की पगड़ी और चप्पल, इंदौर के चमड़े के खिलौने, मुंबई की वर्ली पेंटिंग, कोलकाता की मसलन मैट, मधुबनी के कपड़ों और कागजों की पेंटिंग, भगवान बुद्ध का थ्रीडी चित्र, त्रिवेंद्रम के अरनमूल धातु एवं बांस की लकड़ी से बने उत्पाद रहेंगे।
गैलरी में अहमदाबाद के अगेट स्टोन के उत्पाद, ग्वालियर के पीतल उत्पाद, मुरादाबादी पीतल के बर्तन, लहारनपुर के लकड़ी के फर्नीचर, कच्छ की एंब्रायडरी, पुडुचेरी के कागज से बनीं मूर्तियां, टेराकोटा के उत्पाद, जम्मू-कश्मीर की पश्मीना, कानी शॉल एवं सिल्क की कालीन, वॉलनट की लकड़ी से बने उत्पाद, हैदराबाद की निर्मल पेंटिंग, त्रिशूर के पलक्कड़ का मडलम, भुज की चुनरी, धारवाड़ के चप्पल, बड़ोदरा की लकड़ी का ठाकुर जी का झूला आदि रहेगा। इन उत्पादों को गैलरी में आने वाले दर्शक खरीद सकेंगे। उत्पादों की कीमत डमी पर लिखी रहेगी।
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