Varanasi Electricity: वाराणसी के संस्कृत विश्वविद्यालय संपूर्णानंद का कटेगा बिजली कनेक्शन, ये है बड़ा कारण

Varanasi Electricity News: वाराणसी के संस्कृत विश्वविद्यालय संपूर्णानंद में बत्ती गुल होगी। बिजली कनेक्शन बिल न भरने के कारण काट दिए जाएंगे। साथ ही सरकारी आवासों पर रहने वालों को खुद के नाम से बिजली का कनेक्शन लेना होगा।

Varanasi Electricity
वाराणसी संस्कृत विश्वविद्यालय संपूर्णानंद  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • वाराणसी के संस्कृत विश्वविद्यालय संपूर्णानंद में बत्ती होगी गुल
  • विश्वविद्यालय का कटेगा बिजली कनेक्शन
  • सरकारी आवासों में रहने वालों को लेना होगा कनेक्शन

Varanasi Electricity News: वाराणसी में अब सम्पुर्णानंद विश्वविद्यालय के सरकारी आवासों पर रहने वालों को खुद के नाम से बिजली का कनेक्शन लेना होगा। अभी विश्वविद्यालय के नाम कनेक्शन से ही आवासों में बिजली का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके लिए नाम-मात्र का ही भुगतान किए जाने से जहां विश्वविद्यालय को भारी-भरकम बिजली का बिल चुकाना पड़ रहा है, वहीं बिजली का खूब दुरुपयोग भी हो रहा है।

देश के पहले संस्कृत विश्वविद्यालय के रूप में अपनी पहचान बना चुके संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में टीचिंग और नान टीचिंग को मिलाकर कुल 200 कर्मचारी के आसपास रहते हैं। इनमें से अकेले 150 टीचिंग इम्लाई को आवास मिला है, जो ये यूनिर्वसिटी के नाम पर बिजली को कंज्यूम करते हैं।

कर्मचारियों को अपने नाम पर लेना होगा कनेक्शन

अब इन कर्मचारियों को भी अपने नाम पर कनेक्शन लेना होगा। इसके बाद ही ये बिजली कनेक्शन को ले सकेंगे, वरना इनके कनेक्शन को विच्छेदित कर दिया जायेगा। बिजली विभाग ने कुलपतियों व निदेशकों को व्यवस्था ठीक करने के निर्देश देते हुए कहा था कि सरकारी आवास में रहने वाले अपने-अपने नाम से बिजली कनेक्शन लें। लेकिन ज्यादातर ने अपने नाम से कनेक्शन नहीं लिया।

विश्वविद्यालय के परिसर में लगा कैंप

पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार को सम्पूर्णानंद विश्वविद्यालय के कुलपति व निदेशकों से समन्वय करके सरकारी आवासों में रहने वालों को उनके नाम से बिजली कनेक्शन दिलाने की व्यवस्था करने को कहा गया है। कारपोरेशन के एमडी ने विश्वविद्यालय के परिसर में ही कैंप लगाकर सभी संबंधित को निजी नाम से कनेक्शन दिलाने को कहा है।

नाम-मात्र का लिया जाता है बिल

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के 29 विश्वविद्यालयों और संस्थानों के परिसर में बड़े पैमाने पर बने सरकारी छोटे-बड़े आवासों में प्रोफेसर से लेकर अधिकारी-कर्मचारी तक रह रहे हैं। गौर करने की बात यह है कि सरकारी आवासों में रहने वाले, विश्वविद्यालय के बिजली कनेक्शन से ही अपने आवास में भी बिजली का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके लिए उनके द्वारा नाम-मात्र का कुछ सौ रुपये ही बिल जमा किया जाता है, जबकि प्रतिमाह हजारों रुपये की बिजली का इस्तेमाल किया जाता है।

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