Varanasi Electricity Theft News: योगी सरकार प्रदेश में दूसरी बार सत्ता में आने के बाद लगातार भ्रष्टाचार को लेकर सख्त नजर आ रही है। इसी क्रम में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी भी लगातार काफी कड़े रुख में दिखाई दे रहे हैं। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी द्वारा की गई निलंबन की कार्रवाई से विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में बिजली चोरी, राजस्व निर्धारण में गड़बड़ी सहित अन्य कई आरोपों में बिजली विभाग में कार्रवाई की गई।
वाराणसी के प्रबंध निदेशक ने भेलूपुर स्थित विद्युत वितरण खंड चतुर्थ में तैनात एसडीओ और दो अधिशासी अभियंता समेत छह लोगों को निलंबित कर दिया। सभी के खिलाफ जांच का आदेश देते हुए निलंबन अवधि तक विद्युत नगरीय वितरण खंड चतुर्थ में मुख्य अभियंता वितरण के कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है।
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंधक निदेशक विद्याभूषण ने बिजली चोरी पर लगाम लगाने और राजस्व निर्धारण को लेकर सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। इस बीच राजस्व निर्धारण में हो रही लापारवाही और बिजली चोरी को बढ़ावा देने के संन्दर्भ में अधिशासी अभियंता जयकृष्ण, एके सिंह, एसडीओ एपी यादव, अवर अभियंता राज कुमार राम, लिपिक लाल बहादुर वर्मा और मनीष सोनकर को निलंबित कर दिया गया है।
वहीं निलंबन के पहले यहां के एक्सईएन जयकृष्ण का तबादला चंदौली हो गया था। उनकी जगह पर चंदौली के एक्सईएन एके सिंह को जिम्मेदारी सौपी गई है। दोनों एक्सईएन ही इस मामले में आरोपी बनाए गए हैं। वहीं निदेशक प्रशासनिक व कार्मिक शेष कुमार बघेल के अनुसार गत माह एक होटल में विद्युत कनेक्शन कराई गई, जिसमें जांच के दौरान बिजली विभाग ने 16 किलोवाट की बिजली चोरी पकड़ी थी। इस बिजली चोरी पर होटल पर करीब 42 लाख का जुर्माना लगाया गया था। इसमें गड़बड़ी करते हुए विभागीय अधिकारियों ने जुर्माने की कीमत को कम करते हुए 32 लाख कर दिया था। इस मामले में मिलीभगत की शिकायत पर विभागीय जांच कराई गई। गड़बड़ी की पुष्टि होने पर कार्रवाई की गई है।
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