LIC Officer Cheated in Varanasi: वाराणसी में दोस्ती में दगा दे गया शख्स, एलआईसी अधिकारी से 15 लाख रुपए ठगे

Varanasi News: वाराणसी में एलआईसी के एक अधिकारी से 15 लाख रुपए की ठगी की गई है। आरोप है कि जब अधिकारी ने अपनी रकम वापस मांगी तो आरोपी उसे धमकी दे रहा है। पीड़ित ने अब पुलिस आयुक्त से शिकायत कर अपनी रकम की बरामदगी की गुहार लगाई है। पुलिस आयुक्त ने मंडुवाडीह थाने को केस दर्ज करने का निर्देश दिया है।

Lime of 15 lakhs to LIC officer by becoming a friend
दोस्त बनकर एलआईसी अधिकारी को लगाया 15 लाख का चूना  |  तस्वीर साभार: Representative Image
मुख्य बातें
  • साकेत नगर निवासी अधिकारी की रकम नहीं लौटा रहे शातिर
  • मंडुवाडीह थाना क्षेत्र के पहाड़ी निवासी शख्स और उसके बेटे पर लगा धोखाधड़ी का आरोप
  • थाना प्रभारी बोले- केस दर्ज करके मामले की जांच की जा रही

Varanasi Police: भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के एक अधिकारी से तीन लोगों ने मिलकर 15 लाख रुपए की ठगी की है। अब रकम वापस मांगने पर आरोपियों द्वारा धमकी दी जा रही है। पीड़ित एलआईसी अधिकारी ने आठ महीने पहले उक्त रकम दी थी। अब पैसे वापस न मिलने के डर से पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश से गुहार लगाई है। पुलिस आयुक्त ने मंडुवाडीह थाने को मामले की जांच कर कार्रवाई का निर्देश दिया है। 

इसके बाद पुलिस ने मंडुवाडीह थाना क्षेत्र अंतर्गत पहाड़ी निवासी विनोद कुमार सिंह एवं उसके बेटे अखिलेश सिंह और इनके कर्मी मार्कडेय यादव के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। इन पर धोखाधड़ी, कूटरचना और धमकाने का आरोप लगा है। थाना प्रभारी का कहना है कि केस दर्ज करने के बाद मामले की जांच शुरू कर दी गई है। 

जमीन बेचकर पैसे लौटने की कही थी बात

लंका थाना क्षेत्र अंतर्गत साकेत नगर निवासी किरन गुप्ता का कहना है कि आरोपी विनोद कुमार उनके ऑफिस में बराबर आया करता था। यही दोनों का परिचय हुआ और दोस्ती हो गई। साल 2014 में विनोद ने पैसे की जरूरत बताकर किरन से 15 लाख रुपए मांगे। उसने कहा कि वह मड़ौली स्थित अपनी जमीन के आधार पर पैसे लेने को तैयार है। नहीं तो वह जमीन बेचकर किरन को पैसे लौटा देगा। इस पर किरन ने आरोपी को चेक और आरटीजीएस के माध्यम से 15 लाख रुपए दे दिए थे। 

तीन साल बाद पैसे लौटाने के लिए कहा

विनोद ने रुपए लेने पर 50 रुपए के स्टांप पर उक्त रकम का जिक्र किया और एक चेक भी दिया था। तीन साल तक किरन ने अपने पैसे वापस नहीं मांगे। इसके बाद रकम वापस मांगी तो आरोपी ने कुछ मोहलत मांगी। इस पर किरन मान गए, लेकिन यह समय बढ़ता गया और आरोपी ने अब तक रकम नहीं लौटाई है। जब किरन ने उसकी जमीन अपने नाम रजिस्ट्री करने के लिए कहा तो आरोपी ने साफ कहा कि उसकी कोई जमीन नहीं है। तब किरन ने सदर तहसील से पता लगवाया तो मालूम हुआ कि उक्त जमीन विनोद की पत्नी के नाम पर है। 

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