Varanasi Electric Meter Fraud : बाबा शिव की नगरी काशी में बिजली के डिजिटल मीटर लोगों के लिए गले की फांस बनते जा रहे हैं। हालांकि वर्तमान आइटी के दौर में हर सुविधा डिजिटल होने के चलते लोगों की राह आसान हो गई है। मगर इसी के साथ साइबर ठगों की दुनिया भी आबाद हो रही है। वाराणासी में बिजली के स्मार्ट मीटरों के जरिए बदमाश लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं। शहर में इन मीटरों की आड़ में साइबर ठग लोगों से रोज ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।
इधर ठगी के तेजी से बढ़ रहे मामलों के चलते बिजली महकम में खलबली मची है। ठगी के शिकार उपभोक्ता महकमे के आला अधिकारियों को शिकायतें कर रहे हैं। हालांकि घरों में उपभोक्ताओं को बिजली विभाग की ओर से सुविधा देने के चलते शहर के हर घर में बिजली के स्मार्ट डिजिटल मीटर लगाने की योजना शुरू की गई है। जिसके तहत करीब डेढ़ करोड़ घरों में ये मीटर लगा भी दिए गए। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक स्मार्ट डिजिटल मीटर लगाने की योजना के पीछे का मकसद उपभोक्तओं की सुविधा के साथ ही महकमे के लिए हर ग्राहक का रिकॉर्ड आसानी से मेंटेन करना है।
विभागीय जानकारी के मुताबिक इस सुविधा के चलते उपभोक्ता के बिजली के बिलों का रिकॉर्ड आसानी से उपलब्ध हो जाता है। जिसकी वजह से विवाद के मामले में एक क्लिक से सारा डाटा सामने होता है। इससे उपभोक्ता का समय बचता है व परेशानी नहीं होती। शहर में बिजली के स्मार्ट डिजिटल मीटरों के नाम पर शुरू हुए ठगी के खेल की शिकायतें मिलने के बाद महकमे ने एक एडवाजरी जारी की है। अधिकारियों ने बताया है कि ठगों से बचने के लिए विभाग की ओर से दी जाने वाली जानकारी को सहेज कर रखें। अधिकारियों ने बताया कि बिजली के बिल के बकाया होने की स्थिति में आपके मीटर का कनेक्शन अपने आप कट जाता है। साइबर ठगों की ओर से आने वाली कॉल को अवॉइड करें। अपने घर के बिजली संबंधी किसी भी जानकारी के लिए सीधे इलाके के बिजली दफ्तर से संपर्क करें।
अधिकारियों ने बताया है कि बिजली बिलों के बकाया होने पर विभाग की ओर से कोई कॉल नहीं किया जाता। इसके बाद भी अगर उपभोक्ता को कोई संशय हो तो वो सीधे तौर पर अपने नजदीकी बिजली विभाग के कार्यालय में जाकर अधिकारियों से वार्ता कर सकता है। अधिकारियों के मुताबिक ठग स्मार्ट मीटरों की जानकारी जुटा कर ग्राहकों को कॉल करते हैं। जिसमें बिजली के बिल की रकम बकाया बताकर पहले मोबाइल पर संदेश भेजते हैं। जिसमें तुरंत संपर्क करने की बात लिखी जाती है। इसके बाद कनेक्शन कट करने की धमकी देते हैं। इससे सहमा उपभोक्ता जब कॉल करता है तो ठग डिजिटल भुगतान करने की बात कहते हैं। ठगों के फेर में फंसा शख्स जैसे ही डिजिटल भुगतान करता है एक ऑटीपी से उसका पूरा बैंक खाता खाली हो जाता है।
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