Suicide in Varanasi: शहर के केंद्रीय विद्यालय की नौवीं कक्षा के छात्र मयंक यादव ने अपने कमरे से सटी सीढ़ी पर फांसी लगाकर जान दे दी है। इसके कमरे से पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें उसने लिखा है कि, उसकी मौत का कोई जिम्मेदार नहीं है। वहीं, उसके पिता ने बेटी की मौत का जिम्मेदार स्कूल प्रबंधन का ठहराया है। पीड़ित पिता ने पुलिस से स्कूल प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। वहीं, मंगलवार की सुबह स्कूल के बच्चों ने प्रबंधन के खिलाफ गेट पर धरना दिया। छात्रों का कहना है कि, जिस शिक्षक की प्रताड़ना से परेशान होकर मयंक ने आत्महत्या की गई, उन पर सख्त कार्रवाई हो।
दरअसल, स्कूल में मोबाइल ले जाने पर मयंक को शिक्षक ने सस्पेंड कर दिया था। वह पिछले एक हफ्ते से स्कूल नहीं जा रहा था। आरोप है कि, जब उसके पिता स्कूल में माफी मांगने पहुंचे तो उनको जलील किया गया। मयंक के पिता संतोष यादव बीएचयू में कर्मचारी हैं। बीएचयू स्थित केंद्रीय विद्यालय में ही 15 साल का उनका बेटा पढ़ाई करता था।
मयंक की बड़ी बहन तनीषा भी केंद्रीय विद्यालय में भी पढ़ती है। वह 10वीं की छात्रा है। इसका कहना है कि मयंक स्कूल के शिक्षकों और वाइस प्रिंसिपल द्वारा पिता की कि गई बेइज्जती से क्षुब्ध था। क्लास में मयंक का कोई दोस्त भी नहीं था। पिता संतोष का कहना है कि मयंक रविवार की देर रात तेल लगाकर उनके पैर दबाए। फिर बड़ी बहन से कहा कि तुम सो जाओ। सभी के सोने के बाद वह सीढ़ी के अगल में छत पर चढ़कर दीवार पर लगे लोहे की रॉड में रस्सी के सहारे फंदा बनाकर झूल गया था।
इस बारे में लंका थाना प्रभारी बृजेश कुमार सिंह का कहना है कि बच्चे के पिता और बहन द्वारा स्कूल प्रबंधन पर लगाए गए आरोपों की जांच की जा रही है। अब परिवार की तहरीर और बच्चे की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं, पूरे मामले में स्कूल प्रबंधन की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया है।
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