Varanasi Police: लोगों की मदद के लिए 112 नंबर पर कॉल करने के बाद जल्द से जल्द मौके पर पुलिस की गाड़ी पहुंच सके, इसके लिए योजना बनाई गई है। उन जगहों पर पीआरवी को मुस्तैद रखा जाएगा जहां से ज्यादा फोन आते हैं। पुलिस मुख्यालय का निर्देश है कि 112 का तीन से चाल साल का डाटा निकाला जाए उसका अध्ययन करने के बाद उन जगहों को चिन्हित किया जाए जहां से मदद के लिए बहुत बार फोन आते हैं इसके बाद उन जगहों को चिन्हित कर उनके वहां पर पीआरवी भी को ज्यादा सक्रिय रखा जाए।
वाराणसी पुलिस चाहती है कि, बनारस की जनता की मदद के लिए इमरजेंसी सेवा 112 की शुरुआत की गई है। इसे पुलिस के साथ ही स्वास्थ्य व अग्निशमन, महिला हेल्पलाइन, चाइल्ड हेल्पलाइन को भी जोड़ दिया जाए। ग्रामीण जनता के साथ ही शहरी इलाकों में रिस्पांस टाइम कम से कम हो इसी कोशिश लगातार की जा रही है। इसके तहत ही पुलिस मुख्यालय ने हर इलाके से आने वाली फोन का अध्ययन करने का निर्देश दिया है।
पिछले तीन से चार सालों का अध्ययन करने के बाद यह जानकारी मिल सकेगी कि, किन क्षेत्रों से कंट्रोल रूम में सबसे ज्यादा फोन कॉल आते हैं, इसके बाद थानेवर से बीट के मुताबिक, पीआरवी की तैनाती की जाएगी। पुलिस उस इलाके में गस्त जरूरी करेगा, लेकिन उन जगहों पर ज्यादा समय रहेगी, जहां से ज्यादा फोन कॉल से आते हैं, इसका फायदा यह होगा कि, उन जगहों पर जरूरत होने पर पुलिस की मदद जल्द से जल्द पहुंच जाएगी।
एडीजी राम कुमार का इसी मामले में कहना है कि, जनता तक जल्द से जल्द मदद पहुंचाई जा सके इसके लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है इसके लिए ही पीआरवी की बीट निर्धारित करने की तैयारी चल रही है। बता दें कि, यूपी डायल 112 पर आपातकालीन सूचना मिलने के बाद पुलिस सहायता पहुंचने की समय तुरंत रिस्पांस के मामले में वाराणसी 62 वें नंबर पर है, प्रदेश मुख्यालय की ओर से अप्रैल की जारी 75 जिलों की रिपोर्ट के पूर्वांचल के अन्य जिलों में चंदौली 71 नंबर पर तो मिर्ज़ापुर 72 वें नंबर पर सोनभद्र 73 वें नंबर पर तो बलिया 74 वें नंबर पर है, जौनपुर मऊ गाजीपुर आजमगढ़ का रिस्पांस वाराणसी टाइम से बेहतर है।
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