Varanasi: यूपी के बलिया जनपद में चोरी की बुलेट पर खाकी की सवारी एक बार फिर से चर्चा में है। बुलेट चोरी की घटना में खाकी पर पहले ही दाग लग चुका है। काफी समय बीत जाने के बाद भी बाइक मालिक के हाथ खाली हैं। पुलिस के रवैये से परेशान बाइक का मालिक अब अदालत के दर पर इंसाफ मांगने की तैयारी में है। इधर, पुलिस महकमे की ओर से बुलेट चोरी की फाइल एक बार फिर से खोलने व आरोपी कांस्टेबल की इसमें भूमिका को लेकर जांच करने की बात कही जा रही है।
आपको बता दें कि, वर्ष 2021 के जनवरी माह में इलाके के इंद्रपुर में नगरा थाना इलाके के गांव पालचंद्रहा से एक बुलेट चोरी कर ली गई थी। इसके बाद मामला चर्चा में तब आया जब चोरी की गई बुलेट पर गत 14 अगस्त को जुलूस में एक दारोगा सवार होकर घूम रहे थे। इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ। इसके बाद खाकी महकमे में खलबली मच गई। इसके बाद नगरा थाने के पुलिस एक्टिव हुई। पुलिस इस बात का पता लगाने में जुटने का नाटक करती रही कि, आखिर नरहीं थाने के कांस्टेबल के पास बाइक कैसे पहुंची।
इस मामले को लेकर रसड़ा डीएसपी शिवनारायण वैश्य कह रहे हैं कि, बुलेट चोरी मामले की जांच चल रही है। नरहीं थाने के कांस्टेबल के पास बाइक कैसे पहुंची इस बात का पता लगाया जा रहा है। हालांकि मामला चर्चा में आने के बाद आरोपी कांस्टेबल अमरेंद्र रॉय को विभाग ने निलंबित कर दिया है। डीएसपी के मुताबिक मामले की फिर से फाइल खोलने के लिए महकमे के आला अधिकारियों से परमिशन लेने की तैयारी चल रही है। इधर, बाइक के ओनर कह रहा है कि, बुलेट के सभी दस्तावेज थाने में जमा करवाने के बाद भी पुलिस बाइक नहीं लौटा रही है। ओनर ओमप्रकाश यादव अब अपनी मेहनत की कमाई की बाइक पाने समेत दोरागा व आरोपी कांस्टेबल के खिलाफ कानूनी कार्यवाही को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा। वहीं आमजन में चर्चा के मुताबिक चोरी की बाइक मालिक के पास पहुंचने के बजाय खाकी की फौज के लिए मौज बनने के प्रकरण को लेकर महकमे के ऊपर कई सवाल उठ रहे हैं।
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