Varanasi Women Safety: वाराणासी में वीमेन वेलफेयर विभाग ने जारी की एडवाइजरी, महिला सुरक्षा को लेकर होंगे ये जतन

Varanasi Women Safety: वाराणासी में वीमेन वेलफेयर महकमे की इस नई पहल के बाद वर्किंग वीमेंस अब पहले की तुलना में खुद को ज्यादा महफूज महसूस करेंगी। इसको लेकर महकमे के निदेशक मनोज कुमार ने बताया कि प्रदेश में महिला सुरक्षा सरकार की पहली प्राथमिकता है।

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वाराणासी में वर्किंग प्लेस पर महिलाओं की ऐसे होगी सुरक्षा  |  तस्वीर साभार: Representative Image
मुख्य बातें
  • महिला सुरक्षा सरकार की पहली प्राथमिकता
  • कार्य स्थल पर उत्पीड़न की शिकार महिलाओं को जल्द न्याय मिलेगा
  • हर तरह के कार्यालयों में आंतरिक परिवाद समिति गठित होगी

Varanasi Women Safety: बाबा भोलेनाथ की नगरी काशी में वर्किंग वीमेंस के लिए एक सुखद खबर ये है कि अब उनकी सुरक्षा को लेकर कई जतन किए जा रहे हैं। इसको लेकर महिला कल्याण विभाग द्वारा एक एडवाइजरी जारी कर कई निर्देश दिए गए हैं। विभाग ने महिलाओं की कार्य स्थल पर सुरक्षा को लेकर सरकारी व अर्ध सरकारी सहित एनजीओ व प्राइवेट स्कूलों में जहां 10 कार्मिक हों वहां पर आंतरिक परिवाद समिति का गठन करना अनिवार्य किया है।

इसे लेकर विभाग का मानना है कि इस तरह के आफिसों में महिलाओं के आने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। ऐसे में अगर उनके साथ किसी भी प्रकार की घटना होती है तो वे समिति में अपना परिवाद प्रस्तुत कर सकती हैं। विभाग की ओर से जारी निर्देशों के तहत किसी भी कार्यालय में आंतरिक परिवाद समिति के गठन में लापरवाही बरतने वाली संस्थाओं पर 50 हजार का जुर्माना लगाया जाएगा। 

महिलाएं महसूस करेंगी अब खुद को ज्यादा महफूज

ऐसा माना जा रहा है कि वाराणासी में वीमेन वेलफेयर महकमे की इस नई पहल के बाद वर्किंग वीमेंस अब पहले की तुलना में खुद को ज्यादा महफूज महसूस करेंगी। इसे लेकर महकमे के निदेशक मनोज कुमार ने बताया कि प्रदेश में महिला सुरक्षा सरकार की पहली प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि सार्वजनिक स्थानों व दफ्तरों में महिलाओं की सुरक्षा जरूरी है। हालांकि कई जगहों से वीमेन हरसमेंट की रिपोर्ट्स आती हैं। ऐसे में महिला उत्पीड़न को रोकने को लेकर सेक्सुअल हरसमेंट 2013 की धारा 4 के अंतर्गत ऐसे सभी संगठन या संस्थान जहां पर 10 या इससे अधिक कार्मिक हैं। इस तरह की सभी संस्थाएं समिति गठित करने को लेकर प्रतिबद्ध होंगी। उन्होंने महिला कल्याण समिति के गठन को लेकर बताया कि इसे लेकर सरकार का मकसद है सैक्सुअल हरसमेंट की शिकार महिलाओं को जल्द न्याय मिले।

ये हैं महिला उत्पीड़न के संकेत 

महिला उत्पीड़न के दायरे व नियमों को लेकर महिला कल्याण महकमे की डीडी अनुसिंह के मुताबिक वर्किंग प्लेस पर वीमेंस को उनकी इच्छा के विरूद्ध  टच करने की कोशिश करना जिससे वे अनकंफर्ट फील करें सैक्सुअल हरसमेंट के दायरे में आता है। उन्होंने बताया कि फिजीकली होने की डिमांड या इसके लिए दबाव बनाना भी इसी दायरे में आता है। वहीं वर्किंग प्लेस पर गंदा वर्तालाप, अनवांटेड फोटो प्रदर्शित करने सहित पोर्न फिल्में दिखाने का प्रस्ताव देना भी यौन उत्पीड़न है। अनुसिंह ने बताया कि पीड़ित महिला गठित समिति में अपना परिवाद प्रस्तुत कर सकेगी। इसके बाद समिति प्रकरणों को डीएम कार्यालय में भिजवा सकेगी। इसके बाद डीएम ऑफिस से प्रकरणों की सूची महिला कल्याण निदेशालय को भेजना आवश्यक होगा।

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