Varanasi News : उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए एक अच्छी खबर है। सीमा संबंधी विवाद में जमीन की पैमाइश के लिए अब अधिकारियों के चक्कर नहीं काटना पड़ेगा। सीमा संबंधी विवाद में जमीन की पैमाइश के लिए अब न तहसील का और ना ही राजस्व निरीक्षक व लेखपाल के दफ्तर जाना पड़ेगा। राजस्व परिषद ने पैमाइश के लिए आवेदन को लेकर अगले आदेश तक पूरी कार्यवाही ऑनलाइन कर दी है।
बता दें कि, राजस्व परिषद की सचिव मनीषा त्रिघटिया ने सभी मंडलायुक्तों व सभी जिलों के डीएम को इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। योगी सरकार ने लोगों की सहूलियत और उन्हें भाग दौड़ से बचाने के लिए यह व्यवस्था लागू की है।
सरकार ने यह व्यवस्था ईज ऑफ लिविंग प्लान के तहत व्यवस्था लागू की है। विभाग की तरफ से कहा गया कि, धारा -24 के तहत सभी सीमी संबंधी विवाद के निपटारे के लिए ऑनलाइन प्रर्थना पत्र प्राप्त करने व उसके निस्तारण की कार्यवाही लागू की है। पैमाइश की ऑनलाइन प्रक्रिया के लिए आधिकारिक वेबस्टाइट vvad.up.nic.in पर जाना होगा। उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 का लिंक अपलब्ध करा दिया गया है। इस लिंक पर यूजर मैनुअल और दिशा-निर्देशों की प्रति भी उपलब्ध करायी गई है। पैमाइश के लिए ऑनलाइन आवेदन व 1 हजार शुल्क का भुगतान नेट बैंकिग/ यूपीआई के माध्यम से करना होगा। भुगतान होते ही ऑनलाइन आवेदन एसडीएम न्यायालय में दर्ज हो जाएगा।
इस तरह करें
आवेदन पैमाइश की ऑनलाइन प्रक्रिया के लिए आरसीसीएमएस पोर्टल http:/vaad.up.nic.in पर ‘उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 धारा 24 के अंतर्गत ऑनलाइन आवेदन’ माड्यूल का लिंक उपलब्ध करा दिया गया है। इस लिंक पर यूजर मैनुअल व दिशा-निर्देश की प्रति भी उपलब्ध कराई गई है। पैमाइश के लिए ऑनलाइन आवेदन व 1000 रुपये शुल्क का भुगतान नेट बैंकिंग/यूपीआई के माध्यम से करना होगा। भुगतान होते ही ऑनलाइन आवेदन/वाद एसडीएम न्यायालय में दर्ज हो जाएगा।
कैसे होगी अब प्रक्रिया
एसडीएम वाद को तहसीलदार को और तहसीलदार राजस्व निरीक्षक को स्थानांतरित करेगा। राजस्व निरीक्षक पैमाइश की तिथि व समय तय करेगा तथा नोटिस जारी करेगा। तय तिथि पर पैमाइश के बाद राजस्व निरीक्षक अपनी रिपोर्ट (विवादित/अविवादित के रूप में) दर्ज करेगा और संबंधित अभिलेख व रिपोर्ट एसडीएम न्यायालय में उपलब्ध कराएगा। एसडीएम अंतिम रिपोर्ट मिलने पर आदेश करेगें। विवादित होने की दशा में वाद राजस्व न्यायालय में चलेगा। एसडीएस वाद को तहसीलदार को और तहसीलदार राजस्व निरीक्षक को भेजेगा। राजस्व निरीक्षक पैमाइश की तिथि को तय करेगा तथा नोटिस जारी करेगा।
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