Kashi Dharma Parishad: काशी की धर्म परिषद में 22 प्रस्ताव पारित, शिवलिंग की पूजा करने की मांग पर अड़े साधु-संत

Kashi's Dharma Parishad: ज्ञानवापी का पूरा मामला इस समय कोर्ट में है। जिला जज ने मामले की कुछ दिनों की सुनवाई की है। अब इस केस पर सुनवाई जुलाई में होनी है। ज्ञानवापी का मामला कोर्ट में है और इस पर कोर्ट का फैसला ही मान्य होगा। ऐसे में साधु-संतों ने अपने प्रस्ताव से हिंदू समाज का रुख सामने लाने की कोशिश की है।

22 resolutions passed in Kashi's Dharma Parishad saints adamant on demand to worship Shivling
वाराणसी में साधु संतों की हुई बैठक। 
मुख्य बातें
  • ज्ञानवापी मस्जिद में मिले हिंदू मंदिर के साक्ष्यों को लेकर धर्म परिषद का आयोजन
  • साधु-संतों की इस बैठक में 22 प्रस्ताव पारित हुए, शिवलिंग की पूजा करने की मांग
  • ज्ञानवापी के सभी मामले जिला अदालत में हैं, कोर्ट जुलाई में करेगा इस मामले की सुनवाई

Gyanvapi Mosque Case : वाराणसी में साधु-संतों के धर्म परिषद में शुक्रवार को 22 प्रस्ताव पारित हुए हैं। इनमें सबसे प्रमुख मांग ज्ञानवापी मस्जिद में मिली आकृति (शिवलिंग) की पूजा एवं दर्शन करने की है। साधु संतों का कहना है कि जहां कहीं भी स्यवंभू ज्योतिर्लिंग निकलते हैं वहां पर पूजा एवं दर्जन की इजाजत दी जाती है। इसलिए उन्हें भी यहां पूजा-पाठ की इजाजत मिलनी चाहिए। साधु-संतों के इस प्रस्ताव में शविलिंग को नुकसान पहुंचाने वाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने, 1191 उपासना स्थल कानून को रद्द करने और परिसर के निचले हिस्से को खोलने की मांग की गई है। बता दें कि सुप्रीम के आदेश पर वाराणसी जिला अदालत में ज्ञानवापी मस्जिद केस की सुनवाई हो रही है। 

जिला अदालत में ज्ञानवापी पर जुलाई में सुनवाई
ज्ञानवापी का पूरा मामला इस समय कोर्ट में है। जिला जज ने मामले की कुछ दिनों की सुनवाई की है। अब इस केस पर सुनवाई जुलाई में होनी है। ज्ञानवापी का मामला कोर्ट में है और इस पर कोर्ट का फैसला ही मान्य होगा। ऐसे में साधु-संतों ने अपने प्रस्ताव से हिंदू समाज का रुख सामने लाने की कोशिश की है। इस धर्म परिषद में कई मठ से मठाधीश, साधु-संत, सामाजिक कार्यकर्ता , और इतिहासकार शामिल हैं। इससे पहले शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य अविमुक्तेश्वरानंद ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि वे ज्ञानवापी मस्जिद में मिले शिवलिंग की चार जून को पूजा करेंगे। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन उन्हें पूजा करने से रोकता है तो वह शंकराचार्च को अवगत कराएंगे और उसके बाद शंकराचार्य जो निर्णय करेंगे, उस पर अमल किया जाएगा।

Varanasi News in Hindi (वाराणसी समाचार), Times now के हिंदी न्यूज़ वेबसाइट -Times Now Navbharat पर। साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार) के अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें।

अगली खबर