संयुक्त राष्ट्र : संयु्क्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने सोमवार को अफगानिस्तान के हालात पर अपना पहला प्रस्ताव पारित किया। इस प्रस्ताव में मांग की गई है कि किसी अन्य देश पर आतंकी हमले के लिए अफगानिस्तान की धरती के इस्तेमाल की इजाजत नहीं दी जाएगी। यूएनएससी की इस बैठक की अध्यक्षता भारत ने की। इस बैठक में भारत ने भी अपना आधिकारिक रुख जाहिर किया है। विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला ने कहा कि किसी देश पर हमले अथवा उसे धमकाने के लिए अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। साथ ही अफगानिस्तान में आतंकियों को शरण, उनका वित्त पोषण एवं प्रशिक्षण भी नहीं होना चाहिए।
अफगानिस्तान से अमेरिका की हुई पूरी तरह से वापसी
सुरक्षा परिषद का प्रस्ताव और भारत का बयान ऐसे समय आया है जब अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की पूरी तरह से वापसी हो गई है। अमेरिकी सैनिकों का अंतिम जत्था सोमवार को अफगानिस्तान से रवाना हो गया। यूएनएससी के इस प्रस्ताव का समर्थन 13 देशों ने किया जबकि रूस और चीन वोटिंग के दौरान अनुपस्थित रहे। अफगानिस्तान पर यूएनएससी की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद श्रृंगला ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा, 'संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 प्वाइंट में जिन खतरों का अंदेशा जताया गया है, उसके बारे में प्रस्ताव संकेत करता है।'
बैठक में अन्य मुद्दे भी विचार के लिए आए
उन्होंने कहा, 'इस प्रस्ताव में तालिबान के 27 अगस्त के बयान का भी जिक्र है। सुरक्षा परिषद को उम्मीद है कि तालिबान अपने वादों एवं प्रतिबद्धताओं के प्रति खरा उतरेगा। उसने अफगानिस्तान से विदेशी एवं अफगान नागरिकों को देश से सुरक्षित निकलने का वादा किया है।' विदेश सचिव ने कहा कि इस बैठक में अफगानिस्तान के अलावा कई महत्वपूर्ण मुद्दे विचार के लिए आए। इसमें सामुद्रिक सुरक्षा, मध्य पूर्व संकट, म्यांमार, सीरिया और यमन के मुद्दों पर चर्चा हुई। उन्होंने अगस्त बैठक की अध्यक्षता की जिम्मेदारी भारत को सौंपने के लिए सुरक्षा परिषद के सभी सदस्य देशों का आभार जताया।