लंदन: ब्रिटेन ने अफगानिस्तान में 20 वर्ष के अपने सैन्य अभियान को समाप्त कर दिया है और देश के निकासी अभियान को भी बंद करते हुए सैनिक अफगानिस्तान से रवाना हो गए हैं। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने ‘साहसिक’ निकासी अभियानों की सराहना की। हालांकि सरकार ने स्वीकार किया कि कई अफगान नागरिक वहां छूट गए हैं, जिन्हें देश से सुरक्षित निकाल कर लाया जाना था।
छोड़ा काबुल
देश के शीर्ष सैन्य अधिकारी ने स्वीकार किया, ‘हम सभी को बाहर नहीं निकाल पाएं हैं।’ ब्रिटेन की सरकार ने शनिवार को कहा था कि ब्रिटेन और अफगान नागरिकों को सुरक्षित निकालने के अभियान में लगे कम से कम एक हजार सैनिकों ने आखिरी निकासी उड़ान के कुछ घंटो बाद देश छोड़ दिया है। अनेक देशों ने अफगानिस्तान से लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने का अभियान बंद कर दिया है। अफगानिस्तान में ब्रिटेन के राजदूत लाउरी ब्रिस्टोव ने रवाना होने से पहले काबुल हवाई अड्डे पर कहा, ‘‘अभियान के इस चरण को रोकने का वक्त आ गया है।’
ब्रिटेन के राजदूत ने शेयर किया वीडियो
उन्होंने ट्विटर पर एक वीडियो साझा करके कहा, ‘लेकिन हम उन लोगों को भूले नहीं हैं जो देश छोड़ना चाहते हैं। हम उनकी मदद के लिए हर संभव कोशिश करेंगे। न ही हम अफगानिस्तान के बहादुर लोगों को भूले है। वे शांति और सुरक्षित माहौल में रहने के हकदार हैं।’ ब्रिटेन के सशस्त्र बलों के प्रमुख जनरल निक कार्टर ने बीबीसी से बातचीत में कहा, ‘‘हम सब को निकाल नहीं पाए हैं और यह दिल तोड़ने वाला है। वहां कई चुनौतीपूर्ण निर्णय लेने पड़े।’’